नवीन कुमार सिंह/भोपाल। How will Madhya Pradesh change due to Rahul’s visit? भारत जोड़ो यात्रा को मध्यप्रदेश में तगड़ा माइलेज मिल रहा है, कांग्रेस ये दावा भले ही करे लेकिन बीजेपी इससे इत्तेफाक नहीं रखती। बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी नफरत खत्म करने नहीं बल्कि नफरत फैलाने के लिए यात्रा निकाल रहे हैं। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उल्टा बीजेपी सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। क्या है कमलनाथ का बयान और इसके राजनीतिक मायने क्या हैं।
How will Madhya Pradesh change due to Rahul’s visit? राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को बड़ी उम्मीदें हैं। कांग्रेस को लगता है कि राहुल की यात्रा कांग्रेस के दिन फेर देगी। सत्ता में वापसी होगी और कमलनाथ फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। कांग्रेस ये दावा भी कर रही है कि बीजेपी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा देखकर बौखला गई है। दूरदराज से राहुल की यात्रा में शामिल होने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बॉर्डर पर रोका जा रहा है और कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी की जा रहीं हैं।
पीसीसी चीफ कमलनाथ का ये बयान तब आया जब रहुल गांधी 6 राज्यों से गुज़रने के बाद 2 हजार किलोमीटर पैदल नाप कर हिंदी हार्डलैंड में एंटर हो चुके हैं। राहुल गांधी इस यात्रा को गैर राजनीतिक बता चुके हैं लेकिन इस दौरान वे खुद के साथ पार्टी का चेहरा भी चमकाने में जुटे हैं। यही वजह है कि राहुल की यात्रा में हिंदुत्व की हवा बह रही है। जाहिर है कम से कम बीजेपी को तो राहुल गांधी की ये रणनीति आसानी से हजम नहीं होगी।
असल में राहुल गांधी की यात्रा को फ्लॉप साबित करने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी है। यात्रा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने के दावे हों या फिर हिंदुत्व को उग्र और कुरुप कहने वाले बयानों को हवा देने का मसला हो। राहुल गांधी इन आरोपों की परवाह किए बगैर यात्रा को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि कांग्रेस को ये डर है कि यात्रा को अभी मध्यप्रदेश से विदा होने में करीब 5 दिन बचे हैं। अगर कोई अनहोनी हुई,यात्रा फेल हुई तो उसका खामियाजा एमपी कांग्रेस की पूरी टीम को भुगतना पड़ेगा। यही वजह है कि अभी से ही ठीकरा फोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है।