Indore News: अपने जीवन की सबसे कीमती चीज़ बच्चों को कर दी दान, असहनीय दर्द के साथ पढ़ाने वालीं शिक्षिका ने राष्ट्रपति से की ये मांग

Indore Teacher Seeks Euthanasia: अपने जीवन की सबसे कीमती चीज़ बच्चों को कर दी दान, असहनीय दर्द के साथ पढ़ाने वालीं शिक्षिका ने राष्ट्रपति से की ये मांग

Indore Teacher Seeks Euthanasia | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • व्हीलचेयर पर बैठकर रोज़ स्कूल जाती हैं चंद्रकांता
  • अपनी संपत्ति स्कूल के बच्चों के नाम की
  • सरकारी उपेक्षा से टूटीं

इंदौर: Indore Teacher Seeks Euthanasia मध्यप्रदेश के इंदौर जिले से मानवता को झकझोर देने वाली एक खबर सामने आई है, जहां एक दिव्यांग सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इच्छा मृत्यु की मांग की है। शिक्षिका का नाम है कुमारी चंद्रकांता जेठानी, जो व्हीलचेयर पर रहते हुए भी रोज़ाना बच्चों को पढ़ाने स्कूल जाती है।

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Indore News दअरसल, शिक्षिका चंद्रकांता जेठानी गंभीर शारीरिक तकलीफों से जूझ रही है, 7 से 8 घंटे तक व्हीलचेयर पर बैठकर पढ़ाना उनके लिए बेहद पीड़ादायक हो चुका है। बावजूद इसके, वह अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटी। आज भी बच्चों को पढ़ाने के लिए हर दिन स्कूल पहुंचती है। अपने जीवन की सबसे कीमती चीज़ अपनी संपत्ति उन्होंने सरकारी स्कूल के बच्चों के नाम कर दी है।

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इतना ही नहीं, चंद्रकांता जेठानी एमजीएम मेडिकल कॉलेज को अपना शरीर और अंग भी दान कर चुकी हैं। चंद्रकांता का कहना है कि वह अस्पताल में रही तो डॉक्टर ने गलत दवाई दे दी, जिससे उसका यह हाल हुआ। उसके बाद उसे एक आश्रम में भी रखा गया जहां पर भी उसे परेशानी हुई। उनका कहना है कि जीवन अब असहनीय हो चला है, शरीर जवाब दे रहा है, लेकिन सरकार और सिस्टम से कोई मदद नहीं मिल रही

इसलिए अब उन्होंने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। मानवता, सेवा और समर्पण की मिसाल बन चुकीं चंद्रकांता जेठानी का ये कदम कई सवाल खड़े करता है… क्या सिस्टम ऐसे समर्पित लोगों के लिए कोई समाधान नहीं ढूंढ सकता, क्या एक टीचर को अपने हालातों से टूटकर मौत की गुहार लगानी ही पड़ेगी

चंद्रकांता जेठानी कौन हैं?

चंद्रकांता जेठानी मध्यप्रदेश के इंदौर की एक दिव्यांग सरकारी स्कूल शिक्षिका हैं, जो व्हीलचेयर पर रहते हुए भी बच्चों को पढ़ाती हैं।

उन्होंने इच्छा मृत्यु की मांग क्यों की है?

वह वर्षों से गंभीर शारीरिक तकलीफों से जूझ रही हैं और सरकारी मदद के लिए कई बार गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन कोई ठोस सहायता नहीं मिली।

उन्होंने क्या-क्या दान किया है?

चंद्रकांता ने अपनी पूरी संपत्ति सरकारी स्कूल के बच्चों के नाम कर दी है और अपना शरीर और अंग भी दान कर दिए हैं।