Indore Cyber Crime News: साइबर ठगी के इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश!.. नौकरी का लालच देकर ‘डिजिटल गुलाम’ बनाने का धंधा.. टारगेट पूरा न करने पर मिलती थी सज़ा

इंदौर क्राइम ब्रांच ने साइबर ठगी के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि भारत के युवकों को डेटा एंट्री जॉब का झांसा देकर लाओस भेजा जाता था, जहां उन्हें साइबर ठगी के लिए मजबूर किया जाता था।

  • Reported By: Anshul Mukati

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  • Publish Date - November 29, 2025 / 02:45 PM IST,
    Updated On - November 29, 2025 / 02:50 PM IST

Indore Cyber Crime News / Image Source: ANI News

HIGHLIGHTS
  • लाओस में चाइनीज़ गैंग के दबाव में चल रही साइबर ठगी।
  • साइबर ठगी के हॉटस्पॉट लाओस, म्यांमार और कंबोडिया हैं।
  • अमेरिका में अकेले रहने वाले लोग सबसे आसान सॉफ्ट टारगेट माने जाते थे।

Indore Cyber Crime News: : इंदौर: इंदौर में क्राइम ब्रांच के द्वारा गिरफ्तार किया गये साइबर ठगी के दोनों आरोपियों से पूछताछ में कई खुलासे हो रहे हैं। आरोपियों से पूछताछ में जानकारी निकल कर सामने आई है कि इस तरह की वारदात में भारत से युवाओं को शामिल करने के लिए उन्हें डाटा एंट्री जैसी जॉब के बारे में बताया जाता था, कुछ एजेंट्स ऐसे लडकों से सम्पर्क करते थे और उसके बाद उन्हें काम के लिए लाओस भेज देते थे जहां पर की साइबर क्राइम का हब बना हुआ था, अब पुलिस उन एजेंट्स को भी मामले में आरोपी बना रही है इस डिजिटल अरेस्ट की ठगी के मामले में अभी तक 19 आरोपी गिरफ्तार हो चुके है।

क्या है पूरा मामला?

इंदौर क्राइम ब्रांच ने हाल ही में साइबर ठगी के एक बड़े मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि इस तरह की वारदातों में भारत के युवाओं को शामिल करने के लिए उन्हें पहले डेटा एंट्री जैसी जॉब के अवसर के बारे में बताया जाता था। इसके बाद कुछ एजेंट्स ऐसे युवकों से संपर्क कर उन्हें लाओस भेज देते थे, जहां साइबर क्राइम का हब चल रहा था। पुलिस इस मामले में उन एजेंट्स को भी आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है। इस डिजिटल ठगी के मामले में अब तक कुल 19 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इस मामले में पहले ही 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका था। उनकी जानकारी के आधार पर दो अन्य युवकों को अमृतसर एयरपोर्ट और गुजरात के वापी से गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ के दौरान आरोपियों के चौकाने वाले खुलासे

पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों के द्वारा चौकाने वाले खुलासे किये गये है, दोनों आरोपी लाओस में चाइनीज गैंग के दबाव में यह काम कर रहे थे, आरोपियों ने पुलिस को बताया की भारत से डाटा एंट्री की जॉब के नाम पर युवको को वहा पर ले जाया जाता था और वहा पर साइबर ठगी की वारदात करने के लिए दबाव बनाया जाता था, इसके लिए बाकायदा टारगेट भी फिक्स रहता था और अगर टारगेट पूरा न किया जाए तो प्रताड़ना दी जाती थी।

क्राइम ब्रांच को ये भी पता चला है की लाओस के अलावा म्यांमार, कम्बोडिया भी साइबर आरोपियों के हॉटस्पॉट थे, लेकिन यहाँ पर जब सयुक्त रूप से कारवाई शुरू हुई थी वहा से आरोपियों ने भागना शुरू किया, इसी में आरोपी पतरस भागकर वापस इंडिया आया तो लुकआउट सर्कुलर जारी होने के चलते अमृतसर एअरपोर्ट पर पकड़ा गया और उसी से दुसरे आरोपी सौरभ की जानकारी मिली जो की म्यांमार से रेस्क्यू कर लाये लोगो में इंडिया आ गया था।

एजेंट्स पर भी होगी कार्रवाई

दोनों आरोपियों ने पुलिस को ऐसे एजेंट्स के बारे में भी जानकारी दी जो युवकों को डेटा एंट्री जॉब के नाम पर लाओस भेजा करते थे। क्राइम ब्रांच अब इन एजेंट्स के खिलाफ भी सबूत जुटा रही है और उन्हें आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है।

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इंदौर में साइबर ठगी का मामला क्या है?

क्राइम ब्रांच ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने भारत के युवकों को डेटा एंट्री जॉब का झांसा देकर लाओस भेजा और वहां साइबर ठगी के लिए मजबूर किया।

कितने आरोपी अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं?

इस डिजिटल ठगी के मामले में अब तक कुल 19 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

क्या एजेंट्स पर भी कार्रवाई होगी?

हाँ, दोनों आरोपियों ने पुलिस को उन एजेंट्स के बारे में जानकारी दी, जो युवकों को लाओस भेजते थे। क्राइम ब्रांच अब इनके खिलाफ सबूत जुटा रही है।