Umang Singhar Big Statement: “यह आत्महत्या नहीं, प्रशासनिक हत्या है”, जनसुनवाई में किसान आत्महत्या मामले पर उमंग सिंघार ने सरकार पर साधा निशाना

जनसुनवाई में किसान आत्महत्या मामले पर उमंग सिंघार ने सरकार पर साधा निशाना...Umang Singhar Big Statement: This is not suicide

Umang Singhar Big Statement: “यह आत्महत्या नहीं, प्रशासनिक हत्या है”, जनसुनवाई में किसान आत्महत्या मामले पर उमंग सिंघार ने सरकार पर साधा निशाना

Umang Singhar Big Statement | Image Source | IBC24

Modified Date: June 11, 2025 / 02:32 pm IST
Published Date: June 11, 2025 2:32 pm IST
HIGHLIGHTS
  • इंदौर- कलेक्टरेट में बुजुर्ग किसान की आत्महत्या से हड़कंप,
  • मामले में नेता प्रतिपक्ष बोले – यह प्रशासनिक हत्या है,
  • भाजपा सरकार की 'जनसुनवाई' जहाँ न तो कोई सुनता है- उमंग सिंह सिंघर,

इंदौर: Umang Singhar Big Statement:  इंदौर कलेक्टरेट में जनसुनवाई के दौरान एक दिल दहला देने वाली घटना घटित हो गया। जनसुनवाई के दौरान 65 वर्षीय बुजुर्ग किसान करणीसिंह ने ज़हर खाकर मौत को गले लगा लिया। बुजुर्ग किसान जमीन विवाद से जुड़े समस्या को लेकर जनसुनवाई में कलेक्टर से गुहार लगाने आया था।

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Umang Singhar Big Statement:  घटना के बाद प्रदेश की सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंह सिंघर ने इस मामले को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने X पर लिखा की इंदौर कलेक्टरेट में जनसुनवाई के दौरान करणीसिंह जी जैसे बुजुर्ग किसान ने ज़हर पीकर अपनी जान दे दी क्यों? क्योंकि ज़मीन विवाद की सुनवाई सालों से नहीं हो रही थी। सिस्टम ने उन्हें बार-बार अपमानित किया अधिकारी टालते रहे, और अंत में एक 65 वर्षीय किसान को मौत को गले लगाना पड़ा।

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Umang Singhar Big Statement:  नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंह सिंघर ने आगे लिखा की आज प्रदेश में किसान सिर्फ़ मौसम या कर्ज़ से नहीं, प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्ट सिस्टम से भी लड़ रहा है। यह आत्महत्या नहीं, एक प्रशासनिक हत्या है। क्या यही है भाजपा सरकार की ‘जनसुनवाई’ जहाँ न तो कोई सुनता है, न ही न्याय मिलता है?


लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।