शह मात The Big Debate: SIR के नाम कब तक घमासान? क्या BLO की मौत में SIR का दोष? देखें रिपोर्ट
MP Politics: SIR के नाम कब तक घमासान? क्या BLO की मौत में SIR का दोष? देखें रिपोर्ट
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- SIR प्रक्रिया पर कांग्रेस और बीजेपी में तीखी जुबानी जंग
- राहुल गांधी ने BLO की मौतों को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए
- मध्यप्रदेश में SIR से जुड़े दो कर्मचारियों की मौत की पुष्टि हुई
भोपाल: MP Politics मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया को लेकर सूबे की सियासी तपिश बढ़ी हुई है। कांग्रेस-बीजेपी में जुबानी जंग छिड़ी है। सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा कि- SIR के नाम पर देश भर में अफ़रा-तफ़री मचा रखी है-नतीजा? तीन हफ्तों में 16 BLO की जान चली गई। हार्ट अटैक, तनाव, आत्महत्या-SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया ज़ुल्म है। ECI ने ऐसा सिस्टम बनाया है जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हज़ारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ें। मक़सद साफ़ है-सही मतदाता थककर हार जाए, और वोट चोरी बिना रोक-टोक जारी रहे। तो वहीं राहुल गांधी के साथ ही एमपी कांग्रेस के नेता राज्य निर्वाचन कार्यालय पहुंचे अपना विरोध जताया और चुनाव आयोग पर आरोपों की बौछार की।
MP Politics कांग्रेस- SIR, BLO की मौत के बहाने जहां चुनाव आयोग पर लगातार हमलावर है, तो बीजेपी ने पलटवार करते हुए राहुल गांधी पर संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने के आरोप मढ़े।
SIR और BLO की मौतों पर हो रही सियासत के बीच सच ये भी है कि मध्यप्रदेश में SIR से जुड़े दो कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। सीधी में BLO की सहयोगी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और रायसेन में BLO रमाकांत पांडेय की हार्टअटैक से मौत हो चुकी है। ऐसे में सवाल ये है कि-क्या सच में BLO पर SIR का बहुत ज्यादा प्रेशर है। सवाल ये भी कि- क्या निर्वाचन आयोग को BLO की मेंटल हेल्थ की परवाह नहीं है? और सवाल ये कि- आखिर कांग्रेस को SIR से क्या तकलीफ है। क्या संवैधानिक संस्थाओं को बार-बार कठघरे में खड़ा करना सही है?

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