Chinese Garlic Vs Indian Garlic Difference: कहीं आप भी तो नहीं खा रहे चायनीज लहसुन? हो सकते हैं जानलेवा बीमारियों के शिकार, जानिए कैसे करें पहचान
Chinese Garlic Vs Indian Garlic Difference: कहीं आप भी तो नहीं खा रहे चायनीज लहसुन? हो सकते हैं जानलेवा बीमारियों के शिकार
जबलपुर: प्लास्टिक के चावल तो आपने सुना होगा लेकिन प्लास्टिक की सब्जियां भी बाजार में आ जायेंगी ये किसी ने भी न सोचा होगा। लेकिन ऐसा हो रहा है जब जबलपुर कृषि उपज मंडी में जहां बड़ी तादात में चायनीज लहसुन जप्त की गई है।
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खाद्य विभाग को शिकायत मिली थी कि बाजार में प्रतिबंध के बाद भी चोरी छिपे चायनीज लहसुन बेची जा रही है। शिकायत पर खाद्य विभाग की टीम ने कृषि उपज मंडी पहुंचकर 4 दुकानों पर एक साथ छापामार कार्रवाई करते हुए करीब 2 क्विंटल चायनीज लहसुन जप्त किया है। सैंपल भोपाल भेजने के बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
भारत में चायनीज़ लहसुन पर प्रतिबंध इसके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभावों और निम्न गुणवत्ता के कारण लगाया गया है। चायनीज़ लहसुन में क्लोरीन, जिंक और आर्सेनिक जैसी हानिकारक धातु ज्यादा पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। डॉक्टरों की मानें तो इससे कैंसर जैसी घातक बीमारियां भी हो सकती है। इसके अलावा कई जहरीले केमिकल्स भी पाए जाते हैं। चायनीज़ लहसुन को आर्टिफ़िशियल तरीकों से उगाया जाता है जिसमें ज़रूरत से ज़्यादा रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग होता है। वहीं लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने चोरी छिपे प्रबंधित लहसुन बेच रहे व्यापारी चोरी ऊपर से सीना जोरी कर रहे है।
मार्केट में देसी लहसुन के दाम ज्यादा होने का फायदा उठाकर मोटा मुनाफ़ा कमाने की लालच में चायनीज लहसुन मार्केट में लाया गया है। बड़ी तादात में चायनीज लहसुन मिलने के बाद खाद्य विभाग इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि आखिर मंडी में चायनीज लहसुन आया कहां से है और इस लहसुन को बाज़ार तक पहुंचाने वालों में कौन लोग शामिल है।
चाइनीज लहसुन की पहचान
चीनी लहसुन दिखने में खिला खिला होता है। इसकी कलियां काफी मोटी होती हैं। हालांकि इसमें उतना स्वाद नहीं होता है। इसकी वजह मिलावटी रासायनिक पदार्थ हैं। यहां तक कि सिंथेटिक भी चाइनीज लहसुन में मिलाया जाता है, जिसकी वजह से कैंसर तक हो सकता है।
नकली लहसुन की पहचान
वहीं मार्केट में इन दिनों नकली लहसुन भी बिक रहा है। इसे हानिकारक केमिकल से तैयार किया जाता है। नकली लहसुन उगाने के लिए लेड, मेटल और क्लोरीन का उपयोग किया जाता है। इस तरह के लहसुन की पहचना है कि लहसुन की गांठ को पलट कर देखें अगर निचले हिस्से पर भी लहसुन एकदम सफेद है और उसमें किसी तरह का कोई ब्राउन निशान नहीं है तो ये नकली लहसुन हो सकता है।
देसी लहसुन की पहचान
सबसे अच्छा है कि आप देसी लहसुन ही खरीदें। देसी लहसुन की पहचान है कि इसकी कलियां छोटी या नॉर्मल साइज की होती हैं। देसी लहसुन की गांठों पर काफी दाग-धब्बे होते हैं। इनका छिलका एकदम सफेद नहीं होता है। देसी लहसुन कहीं ज्यादा खुशबूदार होता है। इसकी कलियों को रगड़ने पर हाथ पर हल्की चिपचिपाहट महसूस होती है।

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