देश के तांत्रिक मंदिरों की यूनिवर्सिटी, जहां आज भी होती है तंत्र साधना, शुभ नक्षत्र में मंत्रों से सिद्ध कर जमाई गई मठ की हर ईंट
Country's Tantrik University- Bajnamath Mandir Jabalpur देश के तांत्रिक मंदिरों की यूनिवर्सिटी, आज भी होती है तंत्र साधना, शुभ नक्षत्र में मंत्रों से सिद्ध कर जमाई गई मठ की हर ईंट
Jabalpur's Bajnamath Temple is known as Tantrik University of the country
जबलपुर। असम के कामख्या देवी मंदिर समेत वैसे तो देश में अनेक तांत्रिक मंदिर है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर में लेकर चलते हैं, जो इतिहास के लिहाज से महत्वपूर्ण तो है ही साथ ही भारत के 17 तांत्रिक मंदिरों की यूनिवर्सिटी भी कहलाता है।
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दरअसल, ये मंदिर मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में स्थित है, जिसे लोग बाजनामठ बटुक भैरव मंदिर के नाम से जानते पहचानते है। संग्राम सागर के किनारे बने इस बाजनामठ मंदिर में आज भी कई तांत्रिक क्रियाएं होती है और इनके लिए तांत्रिक चंद्रा स्वामी जैसे कई बड़े तांत्रिक यहां आते हैं। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि बाजनामठ का निर्माण 1520 ईस्वी में राजा संग्राम शाह द्वारा भैरव मंदिर के नाम से कराया गया था।
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इस इलाके में जब गौंडवाना शासक संग्राम शाह का राज हुआ करता था, उस वक्त गौंड़ शासक संग्राम शाह खुद इस तांत्रिक मंदिर में पूजन करने आते थे। वे बटुक भैरव बाबा के बड़े भक्त थे और बटुक भैरव के ही आशीर्वाद से वे कभी कोई युद्ध नहीं हारे थे। इस मठ के गुंबद से त्रिशूल से निकलने वाली प्राकृतिक ध्वनि-तरंगों से शक्ति जागृत होती है। भक्तों के मूताबिक बाजनामठ में पूजा-अर्चना से लोगों को चमत्कारिक लाभ हुए हैं। यहां तेल व पुष्प चढ़ाने से शनि व राहु की पीड़ा से राहत मिलती है। इसी उम्मीद से हजारों की संख्या में भक्त आते हैं। IBC24 से अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट

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