Love Jihad Controversy: ‘लव जिहाद’ शब्द पर नहीं लगेगी रोक, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, कहा– सुनवाई लायक नहीं

‘लव जिहाद’ शब्द पर नहीं लगेगी रोक, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, कहा– सुनवाई लायक नहीं...Love Jihad Controversy: There will be no ban on the

Love Jihad Controversy | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • लव जिहाद शब्द पर बैन की मांग
  • हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की,
  • याचिकाकर्ता को पुलिस में शिकायत की छूट,

जबलपुर : Love Jihad Controversy: मीडिया रिपोर्टिंग में ‘लव जिहाद’ शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाने की माँग हाईकोर्ट ने ठुकरा दी है। ‘लव जिहाद’ शब्द के इस्तेमाल के खिलाफ दायर याचिका जबलपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। यह याचिका भोपाल के मारुफ अहमद ख़ान ने दायर की थी।

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Love Jihad Controversy: याचिका में दो नामी अख़बारों को पक्षकार बनाया गया था और यह कहा गया था कि ‘लव जिहाद’ शब्द के इस्तेमाल से मुस्लिमों की धार्मिक भावनाएँ आहत होती हैं। याचिका में यह भी कहा गया था कि ‘जिहाद’ शब्द का अर्थ कुरान में पवित्र है जिसे ‘लव जिहाद’ से जोड़कर न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई जा रही है बल्कि समाज में वैमनस्य भी फैलाया जा रहा है।

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Love Jihad Controversy: सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा रिट याचिका में सुनवाई योग्य नहीं है। हालाँकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह आज़ादी दी है कि वे संबंधित पुलिस थाने में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और यदि कार्यवाही न हो तो सक्षम न्यायालय में परिवाद भी दायर कर सकते हैं।

"लव जिहाद" शब्द पर मीडिया में रोक क्यों नहीं लगी?

हाईकोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा रिट याचिका के तहत सुनवाई योग्य नहीं है, इसलिए "लव जिहाद" शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की याचिका खारिज कर दी गई।

"लव जिहाद" के खिलाफ याचिका किसने लगाई थी?

यह याचिका भोपाल निवासी मारुफ अहमद ख़ान ने जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की थी।

क्या "लव जिहाद" शब्द का इस्तेमाल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है?

याचिकाकर्ता का कहना था कि "जिहाद" एक पवित्र शब्द है और उसे "लव जिहाद" से जोड़ना धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाता है, लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को रिट याचिका के लिए उपयुक्त नहीं माना।

अगर किसी को "लव जिहाद" शब्द से आपत्ति है तो क्या कर सकता है?

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता संबंधित पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर सकते हैं और यदि कार्यवाही न हो तो सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर सकते हैं।

क्या "लव जिहाद" शब्द के मीडिया उपयोग पर कानूनन कोई रोक है?

फिलहाल भारत में "लव जिहाद" शब्द के मीडिया में उपयोग पर कोई सीधी कानूनी रोक नहीं है, जब तक कि यह कानूनन नफरत फैलाने या धार्मिक विद्वेष को बढ़ावा देने वाला प्रमाणित न हो।