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Pope Francis death India State Mourning: “धर्मांतरण के प्रतीक पोप के लिए शोक, पर हिंदू धर्मगुरुओं के लिए क्यों नहीं?” भारत में राजकीय शोक पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उठाया सवाल
धर्मांतरण के प्रतीक पोप के लिए शोक, पर हिंदू धर्मगुरुओं के लिए क्यों नहीं?...Pope Francis death India State Mourning: "Why mourning for the
Publish Date - April 22, 2025 / 01:14 PM IST,
Updated On - April 22, 2025 / 01:14 PM IST
Pope Francis death India State Mourning | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत में राजकीय शोक,
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उठाया सवाल,
कहा- “हिंदू धर्माचार्यों को क्यों नहीं मिलता ऐसा सम्मान?”
जबलपुर: Pope Francis death India State Mourning: भारत सरकार द्वारा पोप फ्रांसिस के निधन पर घोषित राजकीय शोक को लेकर अब संत समाज से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत में सिर्फ गैर-हिंदू धर्मगुरुओं का ही सम्मान होता है जबकि हिंदू धर्माचार्यों के निधन पर शायद ही कभी राजकीय शोक की घोषणा की जाती है।
Pope Francis death India State Mourning: उन्होंने तंज कसते हुए कहा की केंद्र सरकार यह बताए कि आज तक किस हिंदू धर्मगुरु के निधन पर राष्ट्रध्वज आधा झुकाया गया? शंकराचार्य ने आगे कहा कि पोप जैसे धर्मगुरु धर्मांतरण के मूल स्रोत माने जाते हैं और सरकारें सिर्फ धर्मांतरण पर राजनीति करती हैं कोई ठोस कदम नहीं उठातीं।
Pope Francis death India State Mourning: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक स्वरूप पर चिंता जताते हुए कहा कि यह देश बहुसंख्यक हिंदू समाज का है, फिर भी निर्णय ऐसे लिए जाते हैं जो बहुसंख्यकों की भावनाओं से मेल नहीं खाते। उन्होंने केंद्र सरकार से नीति और संवेदनशीलता पर पुनर्विचार की मांग की।
"पोप फ्रांसिस के निधन पर राजकीय शोक" क्यों घोषित किया गया?
"पोप फ्रांसिस के निधन पर राजकीय शोक" इसलिए घोषित किया गया क्योंकि वे एक वैश्विक धार्मिक नेता थे और भारत सरकार ने उन्हें सम्मान देने के रूप में यह निर्णय लिया।
क्या "राजकीय शोक" की परंपरा सभी धर्मगुरुओं के लिए समान है?
"राजकीय शोक" की परंपरा को लेकर संत समाज का मानना है कि हिंदू धर्मगुरुओं को समान सम्मान नहीं दिया जाता, जबकि अन्य धर्मों के नेताओं को प्राथमिकता दी जाती है।
"शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद" ने किस बात पर आपत्ति जताई?
"शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद" ने "राजकीय शोक" पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह निर्णय बहुसंख्यक हिंदू समाज की भावनाओं के अनुरूप नहीं है।
क्या "राजकीय शोक" के दौरान झंडा आधा झुकाया जाता है?
हां, "राजकीय शोक" के दौरान भारत का राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाया जाता है, जो शोक का प्रतीक होता है।
"राजकीय शोक" किसके निर्णय से घोषित किया जाता है?
"राजकीय शोक" भारत सरकार द्वारा गृह मंत्रालय की सिफारिश पर घोषित किया जाता है, जो विशिष्ट व्यक्तियों के सम्मान में होता है।