MP News: मौत के बाद नौकरी का लेटर! 17 साल तक लड़ रहा था हक के लिए लड़ाई, नियुक्ति पत्र देखकर छलके परिजनों के आंसू

मौत के बाद नौकरी का लेटर! 17 साल तक लड़ रहा था हक के लिए लड़ाई, Job letter after death! He was fighting for his rights for 17 years

MP News: मौत के बाद नौकरी का लेटर! 17 साल तक लड़ रहा था हक के लिए लड़ाई, नियुक्ति पत्र देखकर छलके परिजनों के आंसू

Reported By: Naresh Mishra,
Modified Date: April 25, 2025 / 12:18 am IST
Published Date: April 24, 2025 11:22 pm IST

हटाः मध्यप्रदेश के हटा जिले के एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक परिवार के मुखिया को उसकी मौत के दो दिन बाद शिक्षा विभाग में नौकरी के लिए पत्र जारी हुआ है। इसके लिए मृतक 17 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ रहा था, लेकिन जीत भी नसीब हुई तो मौत के बाद। जब इस संबंध में लेटर आया तो परिजन हैरान रह गए। तो चलिए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?

Read More : पहलगाम हमले को लेकर सर्वदलीय बैठक, सरकार के फैसले के साथ एकजुट हुईं सभी पार्टिंयां, सुरक्षा में चूक की बात आई सामने

दरअसल, जिले के मड़ियादो निवासी परम लाल कोरी पिता मोहन लाल कोरी वर्ष 1988 में औपचारिकेत्तर शिक्षा परियोजना में अनुदेशक के रूप में शिवपुर गांव के स्कूल में शिक्षक बन सेवाएं दे रहे थे। इसी बीच शिक्षा विभाग ने किन्ही बाध्यताओं से परम लाल कोरी को हटा दिया। दमोह जिले के अलग-अलग स्कूलों में पदस्थ अनुदेशकों ने वर्ष 2008 में कोर्ट में याचिका लगाई और करीब 17 साल इंतजार के बाद जिला शिक्षा केन्द्र दमोह द्वारा कोर्ट के पारित निर्णय के परिपेक्ष्य में 15 अप्रैल 2024 को एक आदेश जारी करते हुए ऐसे पुराने अनुदेशकों को संविदा शिक्षक वर्ग 3 में नियुक्त करने हेतु दस्तावेज सत्यापन अभिलेख परीक्षण के लिए 22 अप्रैल 2025 को जिला शिक्षा केंद्र दमोह बुलाया गया।

 ⁠

Read More : Bonus Share News: निवेशकों के लिए डबल फायदा! 731% रिटर्न देने वाली कंपनी बांटेगी बोनस शेयर 

इस सूची में मड़ियादो निवासी परम लाल कोरी भी शामिल हैं, जिनका 12 अप्रैल 2025 को हार्ट अटैक से असमय निधन हो गया। निधन के 3 दिन बाद परिवारजनों को मोबाइल पर आदेश मिला। जिसके बाद परिवार के लोग अचरज में पड़ गए।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।