Reported By: Naresh Mishra
,हटाः मध्यप्रदेश के हटा जिले के एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक परिवार के मुखिया को उसकी मौत के दो दिन बाद शिक्षा विभाग में नौकरी के लिए पत्र जारी हुआ है। इसके लिए मृतक 17 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ रहा था, लेकिन जीत भी नसीब हुई तो मौत के बाद। जब इस संबंध में लेटर आया तो परिजन हैरान रह गए। तो चलिए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?
दरअसल, जिले के मड़ियादो निवासी परम लाल कोरी पिता मोहन लाल कोरी वर्ष 1988 में औपचारिकेत्तर शिक्षा परियोजना में अनुदेशक के रूप में शिवपुर गांव के स्कूल में शिक्षक बन सेवाएं दे रहे थे। इसी बीच शिक्षा विभाग ने किन्ही बाध्यताओं से परम लाल कोरी को हटा दिया। दमोह जिले के अलग-अलग स्कूलों में पदस्थ अनुदेशकों ने वर्ष 2008 में कोर्ट में याचिका लगाई और करीब 17 साल इंतजार के बाद जिला शिक्षा केन्द्र दमोह द्वारा कोर्ट के पारित निर्णय के परिपेक्ष्य में 15 अप्रैल 2024 को एक आदेश जारी करते हुए ऐसे पुराने अनुदेशकों को संविदा शिक्षक वर्ग 3 में नियुक्त करने हेतु दस्तावेज सत्यापन अभिलेख परीक्षण के लिए 22 अप्रैल 2025 को जिला शिक्षा केंद्र दमोह बुलाया गया।
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इस सूची में मड़ियादो निवासी परम लाल कोरी भी शामिल हैं, जिनका 12 अप्रैल 2025 को हार्ट अटैक से असमय निधन हो गया। निधन के 3 दिन बाद परिवारजनों को मोबाइल पर आदेश मिला। जिसके बाद परिवार के लोग अचरज में पड़ गए।