इंदौर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर एक बार फिर हड़ताल पर चले गए हैं। वहीं इस बार इमरजेंसी सेवाएं भी जूनियर डॉक्टर नहीं दे रहे हैं। इससे एमवाय अस्पताल में मरीज परेशान होते भी नज़र आ रहे है।
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दरअसल फोरडा के आव्हान पर नीट पी जी कॉउंसलिंग में हो रही देरी के खिलाफ इंदौर के जूनियर डॉक्टर ने समर्थन दिया है। आज दूसरे दिन भी जूडा हड़ताल जारी है। जूनियर डॉक्टरों के एडमिशन न होने के कारण यह वर्ष शून्यवर्ष होने की कगार पर है। ऐसे में वर्ष 2019 एवं 2020 के डॉक्टरों पर काम का अतिरिक्त बोझ आ जाने के कारण अवसाद से ग्रसित होते जा रहे है।
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जूनियर डॉक्टर का कहना है कि आल इंडिया नीट पीजी काउंसलिंग 2021-2022 का शेड्यूल निकाला जाए,स्टेट कोटे की काउंसलिंग जल्दी कराई जाए, क्योंकि एमसीसी के पत्र के अनुसार आल इंडिया कोटे की सीट अब स्टेट कोटे में परिवर्तित नही होंगी। जब तक नए जूनियर डॉक्टर नहीं आते तब तक कार्य कर रहे डॉक्टरों के काम के बोझ को कम करने के लिए नॉन एकेडमी जूनियर रख दिए जाएं।
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जिस संविधान ने आरक्षण दिया वह खतरे में है :…
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