इंदौर (मध्यप्रदेश), 29 दिसंबर (भाषा) इंदौर में पुलिस ने करीब 15 प्रवासी श्रमिकों के बांग्लादेशी नागरिक होने के संदेह में सोमवार को उनसे पूछताछ की और उनकी पहचान की तसदीक के लिए दस्तावेजों की जांच शुरू की। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों ने यह संदेह जताते हुए पुलिस को शिकायत की थी कि कुछ बांग्लादेशी नागरिक इंदौर में अवैध तौर पर रह रहे हैं जिसके बाद करीब 15 प्रवासी श्रमिकों को मल्हारगंज थाने लाया गया।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) श्रीकृष्ण लालचंदानी ने संवाददाताओं को बताया,‘‘इन लोगों की नागरिकता की तसदीक की जा रही है। अगर ये लोग भारत में अवैध तौर पर प्रवास करते पाए गए, तो उचित कानून कदम उठाए जाएंगे।’
पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जांच के घेरे में आए प्रवासी श्रमिकों के पास मिले आधार कार्ड पर पश्चिम बंगाल के अलग-अलग इलाकों के पते दर्ज हैं।
उन्होंने बताया,‘‘हमें पता चला है कि ये लोग इंदौर में रहकर मजदूरी कर रहे हैं। उनकी पहचान के बारे में पश्चिम बंगाल पुलिस की मदद से तसदीक की जा रही है।’’
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने इन प्रवासी मजदूरों के बारे में पुलिस को शिकायत की थी।
भाजपा के एक स्थानीय मंडल के अध्यक्ष चंदन सिंह बैस ने दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के किए जा रहे सर्वेक्षण के दौरान उन्हें ‘अवैध प्रवासियों’ के बारे में पता चला।
उन्होंने यह दावा भी किया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने इन लोगों के आधार कार्ड भी जांचे और वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के जरिये केवल चार लोगों के आधार कार्ड की तसदीक हुई।
बैस ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर ‘बर्बर अत्याचारों’ को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा,’पुलिस से हमारी मांग की है कि बांग्लादेश के सभी अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेज दिया जाना चाहिए।’
भाषा हर्ष नोमान
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