Madhya Pradesh on the verge of drought Exclusive report

सूखे की कगार पर मध्यप्रदेश, Dynamic Ground Water Report से हुआ चौकाने वाला खुलासा

Dynamic Ground Water Report से हुआ चौकाने वाला खुलासा! Madhya Pradesh on the verge of drought Exclusive report

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : November 24, 2021/12:03 am IST

भोपाल: Madhya Pradesh on the verge of drought मध्यप्रदेश के कई जिलों में ग्राउंड वाटर का लेवल तेजी से कम हो रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर इसी तेजी के वाटर लेवल कम होता रहा तो हालात बेहद चिंता जनक हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एमपी के 26 ब्लॉक्स ऐसे हैं, जहां भू-जल भंडार सूखने की कगार पर है। ऐसी में स्थिति बेहद गंभीर है। इसे लेकर प्रशासन और सरकार को गंभीर कदम उठाने चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों में सूखे के हालात बन सकते हैं।

Read More: ई कॉमर्स साइट से  जहर की गोलियां मंगाकर बेटे ने कर ली खुदकुशी, दुखी पिता ने कलेक्टर से लगाई साइट पर बैन लगाने की गुहार

Madhya Pradesh on the verge of drought जी हां, मध्यप्रदेश में ग्राउंड वाटर लेवल बेहद तेजी से नीचे गिर रहा है, अगर इसी तेजी से स्तर नीचे जाता रहा, वो दिन दूर नहीं जब प्रदेश में सूखे के हालात बन जाएंगे। डायनेमिक ग्राउंड वाटर रिपोर्ट-2020 के जो आंकड़े सामने आए हैं, वो बेहद चौंकाने वाले हैं। केंद्रीय भूजल बोर्ड और एमपी सरकार के हालिया मूल्यांकन में साल 2017 की तुलना में 2020 की स्थिति चिंताजनक है। रिपोर्ट के मुताबिक 317 ब्लॉक में से 26 ब्लॉक में खत्म होने की कगार पर है, 50 ब्लॉक सेमी क्रिटिकल श्रेणी में आते हैं। भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर शहर भी इस सूची में शामिल है।

Read More: धर्मांतरण, लॉ एंड आर्डर की बिगड़ती स्थिति कई मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी भाजपा, कार्यसमिति की तीसरी बैठक में लाया गया प्रस्ताव

ग्राउंड वाटर के बेइंतहां दोहन और बारिश में ग्राउंट वाटर रिचार्ज कम होने से खतरा बढ़ गया है। मध्यप्रदेश के कई शहरों का भूजल स्तर बेहत कम हो गया है। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 3 ब्लॉक्स में भूजल स्तर में सुधार हुआ है जबकि 16 ब्लॉक्स में हालात बदतर हैं। वहीं 294 ब्लॉक्स में कोई सुधार नहीं हुआ है। रिपोर्ट में प्रदेश के बड़े शहरों के अलावा जबलपुर भी क्रिटिकल श्रेणी में हैं। जिसे लेकर कलेक्टर ने कहा है कि भू-जल सहेजने की योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। ये आंकड़े वाकई में बेहद चिंताजनक हैं। ऐसे में भू जल को सहेजने की जरूरत है, नहीं तो वो दिन दूर नहीं, जब प्रदेश का भविष्य सूखे की चपेट में होगा।

Read More: नाम की सियासत! स्थानों के नाम बदलने को लेकर मध्य प्रदेश में हो रही सियासत