भोपाल, 30 नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, जिससे ठीक पहले कांग्रेस ने कथित अराजकता, विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कृषि संकट को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को कार्यवाही के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
एक से पांच दिसंबर तक होने वाले इस सत्र में चार बैठकें होंगी।
अधिकारियों ने बताया कि विधानसभा सचिवालय को अब तक 751 तारांकित प्रश्न और 746 अतारांकित प्रश्न प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने बताया कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के लिए 194 नोटिस, छह स्थगन प्रस्ताव, 14 गैर सरकारी सदस्यों के प्रस्ताव, 52 शून्यकाल की प्रस्तुतियां, नियम 139 के तहत दो नोटिस और 15 याचिकाएं भी मिली हैं।
अधिकारी ने बताया कि 16वीं विधानसभा के सातवें सत्र के लिए दो सरकारी विधेयक भी प्राप्त हुए हैं।
विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने राज्य भाजपा सरकार की विफलताओं पर चर्चा करने और सत्र के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करने के लिए अपने आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई।
सिंघार ने विधायकों के साथ उन मुद्दों पर चर्चा की, जिन्हें वे सदन में उठाने की योजना बना रहे हैं।
बैठक की शुरुआत नवनियुक्त मुख्य सचेतक सोहन वाल्मीकि के अभिनंदन के साथ हुई।
विधायकों ने राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति, एसआईआर प्रक्रिया से जुड़ी कथित अनियमितताओं व मौतों, ‘दूषित’ कफ सिरप के कारण बच्चों की मौतों के साथ-साथ मक्का व सोयाबीन जैसी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की चिंताओं सहित कई मामलों को उठाया।
उन्होंने स्मार्ट बिजली के मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं पर दबाव, दलितों व आदिवासियों के खिलाफ बढ़ते अत्याचार, ओबीसी आरक्षण और युवाओं के रोजगार के मुद्दे पर चर्चा की।
कुछ विधायकों ने सत्र की छोटी अवधि का विरोध किया।
उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है और कथित घोटालों की सूची बढ़ रही है। सरकार सत्र की अवधि कम कर विपक्ष की आवाज को दबाने और जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस का हर विधायक दृढ़ता के साथ जनता की चिंताओं को उठाएगा।”
इस मौके पर कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी, विपक्ष के उपनेता हेमंत कटारे, मुख्य सचेतक सोहन वाल्मीकि, वरिष्ठ विधायक राजेंद्र कुमार सिंह, बाला बच्चन, फूलसिंह बरैया, भवरसिंह शेखावत, आरिफ मसूद, चंदा गौर आदि मौजूद थे। भाषा ब्रजेन्द्र जितेंद्र
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