खनन का खलल, 100 साल बाद वापस घर लौटे गजराज, इन जिलों के बीच बनाया गया सुरक्षित कॉरिडोर

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  • Publish Date - August 29, 2022 / 06:19 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

MP Elephant Tourism Place : भोपाल – मध्यप्रदेश अब एक अलग दिशा की ओर अग्रसर हो रहा है। टाइगर स्टेट कहा जाने वाला मप्र एलिफेंट टूरिज्म प्लेस भी बन सकता है। वहीं अगर देखें तो 100 साल बाद हाथियों ने वापसी की है। इससे पहले हाथी मध्यप्रदेश की सीमा में घूमकर चले जाते थे। 1920 के बाद 200 में हाथियों का असल ठिकाना मप्र ही है। गजराजों को सुरक्षित माहौल और स्थान देने के लिए वन विभाग ने चार जिलों के बीच अनूपपुर,सिंगरौली, सीधी और शहडोल के बीच सरक्षित कॉरिडोर बनाया है।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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MP Elephant Tourism Place : जानकारी अनुसार 2007 में हाथियों ने छत्तीसगढ़ से मप्र में आना शुरू किया था। यह बारिश के कुछ महीने रहकर वापस चले जाते थे। जानकार मानते हैं कि मप्र में पड़ोसी राज्य से अच्छा और सुरक्षित माहौल मिलने के कारण हाथी यहीं रुक रहे हैं। मध्यप्रदेश के वन अधिकारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड में जंगल के भीतर हो रहे खनन से हाथी परेशान हो रहे हैं। यही वजह है कि वे अपने लिए ज्यादा सुरक्षित ठिकाना खोज रहे हैं। पश्चिम बंगाल में भी इसलिए हाथी बढ़े हैं।

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