IBC24 Janjatiya Pragya: CPPP मॉडल क्या है? मध्यप्रदेश के विकास को कैसे ये नई गति देगी? मंत्री विश्वास सारंग ने बताया क्या है सरकार की प्लानिंग

IBC24 Janjatiya Pragya: CPPP मॉडल क्या है? मध्यप्रदेश के विकास को कैसे ये नई गति देगी? मंत्री विश्वास सारंग ने बताया क्या है सरकार की प्लानिंग

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  • Publish Date - December 2, 2025 / 05:21 PM IST,
    Updated On - December 2, 2025 / 08:51 PM IST

IBC24 Janjatiya Pragya

भोपाल: IBC24 Janjatiya Pragya मध्यप्रदेश सरकार के दो साल पूरे होने पर IBC24 आज एक जनजातीय प्रज्ञा करने कर रहा है। जिसकी शुरूआत दोपहर दो बजे से हो चुकी है, राजधानी भोपाल में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में राज्य सरकार की जनहितैषी योजनाओं और उपलब्धियों पर संवाद के साथ जनजातीय समाज के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर विमर्श किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव समेत प्रदेश की कई बड़ी शख्सियत IBC24 के मंच पर भविष्य का रोड मैप बताएंगे।

IBC24 Janjatiya Pragya CPPP मॉडल क्या है?

इसी कड़ी में IBC24 के मंच पर विश्वास सारंग ने कहा कि मुझे बहुत प्रसन्नता है कि हमने शायद दुनिया में पहली बार हिंदुस्तान की मैं बात नहीं कर रहा क्योंकि कोऑपरेटिव एक ऐसा सब्जेक्ट है जो पूरी दुनिया का सब्जेक्ट है। उसमें जब भोपाल में जीआईएस आयोजित हो रही थी, इन्वेस्टर समिट आयोजित हो रही थी तो ऐसा मेरे विचार आया कि क्यों ना हम कोऑपरेटिव सेक्टर में भी इन्वेस्टमेंट की बात करें। मुझे इस मंच से यह बताते हुए बहुत प्रसन्नता है कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के बाद पहली बार सहकारिता एक अलग विभाग बनाया और उसमें हमारे देश के गृह मंत्री अमित शाह जी को सहकारिता मंत्री बनाया।

जब से अमित शाह जी सहकारिता मंत्री बने सहकारिता के क्षेत्र में बहुत तेज गति से विकास हुआ और उन्होंने एक नारा दिया सहकार से समृद्धि। उसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि हम सहकारी क्षेत्र में कुछ नए रोजगार के अवसर सजित करें, नए इन्वेस्टमेंट ले आए या नए व्यापार के अवसर सजित करें। और इसीलिए उन्होंने नारा दिया कि जो हमारी पैक्स है जो हमारी प्राइमरी सोसाइटी है उसमें को हम मल्टी यूटिलिटी बनाएं। बहुदेशी सोसाइटी बनाएं। तो ऐसे ही मेरे दिमाग में आया कि क्यों ना हम इस जीआईएस का सदुपयोग करते हुए हमारी पैक्स को कुछ नया बिजनेस देने की शुरुआत करें। जब मैंने शुरुआत की तो कुछ ऑफिसर्स को ये अटपटा सा लगा कि सहकारिता के क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट कैसे आएगा। पर हमने विचार किया और मेरे दिमाग से एक अच्छा नाम निकला सीपीपीपी सी ट्रिपल पी कोऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप और यह कांसेप्ट हमारा यह है कि हम कॉर्पोरेट सेक्टर को कोऑपरेटिव सेक्टर के साथ जोड़ रहे हैं। यदि कोई एक कॉरपोरेट है यो वह मध्य प्रदेश में कोई उद्योग लगाना चाहता है और यदि उसका रॉ मटेरियल की सप्लाई हम पैक्स के माध्यम से एमआई कोऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से कर सकते हैं तो हम उन दोनों के बीच में एमओयू कर रहा है और उस जो पैक्स है वो किसान के साथ एमओयू करता है तो ये ट्राई पार्टी एक प्रकार से पूरा सिस्टम चलेगा और उसमें यदि उसके रॉ मटेरियल यदि एग्रो वेस्ट है उसकी सप्लाई हमारी पैक्स करेगी एग्रोवेस्ट जो है वह किसान से लेगी। अब जैसे एक हमने अभी हाल एक बासमती चावल मैन्युफैक्चरर के साथ एमओयू किया है। लगभग 10,000 किसान को हमने उनके साथ जोड़ा है। तो वो जो कॉरपोरेट है वो बासमती चावल बनाता है। उन्हीं ने सीड प्रोवाइड किया है। उन्हीं ने किसानों को ट्रेनिंग दी है और लगभग हमने 10,000 हेक्टेयर में हमने वो उसको आगे फैलाने का काम किया। कल ही मेरे पास एक बड़े उद्योगपति आए थे जो कि कुछ फ्यूल बनाना चाहते हैं वो भी एग्रो वेस्ट होगा। तो ये एक हमने नया कांसेप्ट शुरू किया और इससे हम मुझे ऐसा लग रहा है कि सहकारिता के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आने वाला है। हमारे जहां पैक्स को नया बिजनेस मिलेगा तो हमारे किसान को भी नए अवसर मिलेंगे उनकी खेती के उन्नयन के लिए।

CPPP मॉडल क्या है?

CPPP का मतलब है Cooperative Public-Private Partnership। इसमें कोऑपरेटिव सेक्टर, पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट कॉर्पोरेट सेक्टर को जोड़कर निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाते हैं।

CPPP मॉडल की जरूरत क्यों पड़ी?

सहकारिता क्षेत्र में नए व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए। इसका उद्देश्य है किसान, पैक्स और उद्योगपतियों को एक साथ जोड़ना।

भविष्य में CPPP मॉडल कैसे बढ़ेगा?

यह मॉडल नए एग्रो-वेस्ट आधारित उद्योगों, फ्यूल प्रोडक्शन और अन्य सेक्टरों में विस्तार करेगा। इससे सहकारिता क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएगा।