Khargone News: अब बजरंगपुर के नाम से जाना जाएगा ये गांव, 25 साल से मांग कर रहे थे ग्रामीण
Khargone News: अब बजरंगपुर के नाम से जाना जाएगा ये गांव, 25 साल से मांग कर रहे थे ग्रामीण
Khargone News | Photo Credit: IBC24
- रतनपुर से मोहम्मदपुर, अब बजरंगपुर
- धार्मिक पहचान के आधार पर ग्रामीणों ने 25 साल तक नाम परिवर्तन की मांग की
- राज्य और केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद अब गांव को नई पहचान मिली है
खरगोन: Khargone News खरगोन जिले के गोगावां तहसील का मोहम्मदपुर गांव अब नए नाम बजरंगपुर से जाना जाएगा। लगभग 700 साल में गांव को अब तीसरा नाम बजरंग पुर मिला है। सैकड़ों साल पूर्व इस गांव का नाम रतनपुर, फिर उसके बाद मोहम्मदपुर और अब बजरंगपुर नाम से गांव को नई पहचान मिली है।
Khargone News बजरंगपुर में करीब 500 वर्ष प्राचीन स्वयं भू बजरंगबली की मूर्ति स्थापित है। जहां दूर दूर से श्रद्धालु मन्नत लेकर पहुंचते हैं। जो गांव की धार्मिक चेतना का केंद्र है। इसी धार्मिक आस्था के चलते ग्रामीण कई वर्षों से इस गांव का नाम बजरंग पुर करने की मांग कर रहे थे।
बताया जाता है कि मोहम्मद गजनवी भी इस गांव में आया था। तभी से इस गांव का नाम मोहम्मदपुर रखा गया था। इस गांव का नाम हटाने के लिए ग्रामीण करीब 25 वर्षों से सरकार सहित जनप्रतिनिधि से मांग करते आ रहे थे। जिसके बाद नई पहचान मिलने से ग्रामीणों में जश्न का माहौल है।
ग्रामीणों ने दीप जलाकर पटाखे छोड़े, मिठाइयां बांटकर मंदिर में विशेष पूजन-अर्चन किया। भारत सरकार के बाद प्रदेश सरकार ने गांव का नाम बजरंगपुर कर उसका राजपत्र में प्रकाशन कर अधिसूचना भी जारी कर दी है। अब राजस्व सहित सारे विभागों के दस्तावेजों में बजरंगपुर दर्ज होगा।
बता दे कि इस ग्राम पंचायत में मुस्लिम आबादी के साथ बड़ी संख्या में राजपूत समाज सहित अन्य समाजों के लोग निवास करते हैं। समाजसेवी नरेंद्र चौहान का कहना है कि 25 साल पुरानी मांग थी। अब गांव को नई पहचान मिल गई है और हम बेहद खुश हैं। क्रूर औरंगज़ेब और मोहम्मद गजनवी ने गांव का नाम रतनपुर से मोहम्मदपुर कर दिया था। परंतु अब बजरंगी बली के नाम से इस गांव को उसकी असली पहचान मिली है।
ग्रामीणों की मांग पर खरगोन के सांसद गजेन्द्र सिंह पटेल, विधायक बालकृष्ण पाटीदार ने भी केंद्र और राज्य सरकार से काफी पत्राचार किए थे। वही तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से भी ग्रामीण लगातार मांग कर रहे थे। जिसका परिणाम अब जाकर देखने को मिला है। ग्राम पंचायत के सचिव कमलेश कुमरावत ने बताया कि गांव का नाम परिवर्तन पूरी तरह वैधानिक प्रक्रिया के तहत हुआ है। और अब से सभी सरकारी अभिलेखों में यही नाम दर्ज रहेगा।

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