Morena incident exposed the health system

फिर मानवता हारी.. ‘सिस्टम’ पर शव भारी! मुरैना की घटना ने खोली व्यवस्था की पोल, आखिर कौन है इसका जिम्मेदार?

फिर मानवता हारी.. 'सिस्टम' पर शव भारी! Morena incident exposed the health system

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : July 11, 2022/11:49 pm IST

(रिपोर्टः सतेंद्र सिंह तोमर) भोपालः मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानवता हार गई। मुरैना में एक पिता अपने 2 साल के बेटे की लाश को अपने गांव की माटी में मिलाने एंबुलेंस के लिए भटकता रहा। मजबूरी में अपने 8 साल के बेटे की गोद में शव रखकर मदद की गुहार लगाता रहा। क्योंकि पैसों से खाली हाथ था तो सिस्टम ने भी उसे खाली हाथ ही रखा। करीब डेढ़ घंटे तक ये घटनाक्रम चलता रहा। फिर प्रशासन की मदद से शव को गांव भिजवाया गया। ऐसा वाकया पहली बार नहीं घटा न ही आखिरी बार होगा..हर बार की तरह इस बार फिर कई सवाल हमारे सामने खड़े हैं?

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मुरैना में एक आठ साल का लड़का अपने 2 साल के भाई के शव को गोद में लिए बैठा रहा। मदद की उम्मीद में इधर-उधर नजरें दौड़ाता। मंजर जिसने देखा, उसकी रूह कांप गई। ये सब करीब डेढ़ घंटे चला। घटना मुरैना के अंबाह के बड़फरा गांव की है। पूजाराम अपने दो साल के बेटे को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पूजाराम ने अस्पताल प्रबंधन से शव ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी तो मना कर दिया गया। मजबूर पिता ने नेहरू पार्क के सामने अपने 8 साल के बेटे की गोद में शव को रखकर वाहन की तलाश में निकल गया। मामला जब अधिकारियों तक पहुंचा तो पुलिस ने एम्बुलेंस की व्यवस्था कर मासूम की शव को उसके गांव भिजवाया।

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अब सवाल है कि मजबूर पिता को अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस क्यों नहीं दिया। क्या जिला अस्पताल में एंबुलेंस नहीं थी। इंसानियत को शर्मसार करती इस घटना से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। फिलहाल गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच के निर्देश दे दिए हैं।

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मुरैना की तरह एक तस्वीर मंडला से भी आई। जहां प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला को 3 किलोमीटर पैदल परिजनों को लादकर चलना पड़ा। तब जाकर महिला को एंबुलेंस मिल पाई। परेशानी के कारण महिला का बच्चा नहीं बच सका। इन घटनाओं को लेकर पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा। बहरहाल मुरैना से आई मार्मिक तस्वीर ने एक बार फिर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था की पोल खोल दी है। घटना ने उस सिस्टम की सच्चाई से पर्दा उठाने का काम किया है, जिसे लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. अब सवाल है कि इसका जिम्मेदार कौन है?

 
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