In the temple of Bhadva Mata, patients get cured by the kaleva extracted from Dhuni
Bhadwa Mata ke darshan se rog mukt ho jaate hain rogi: नीमच। मालवा की वैष्णो देवी के नाम से विख्यात प्रदेश के सबसे बड़े आरोग्य तीर्थ भादवा माता में इन दिनों चैत्र नवरात्रि की धूम है। यहां देश के कोने कोने से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आ रहे है। भादवा माता में लखवा व अन्य असाध्यरोगों से पिड़ित लोग आते हैं और मां के दरबार से ठीक होकर जाते है। कहा जाता है कि जो रोगी मां के मंदिर में रहकर बावड़ी के जल स्नान करता है, भभूति का सेवन करता है और माता की परिक्रमा करता है वह रोग मुक्त हो जाता है।
मान्यता है कि नवरात्रि में माता मंदिर में आती है और अपनी मेहर बरसाती है। भादवा माता के पुजारी आदिवासी भील समाज से आते है। प्रचलीत किवदंती के अनुसार, इन पुजारियों के पुर्वज धन्नाजी भील को स्वपन मे मां ने कहा की आरणी के वृक्ष के नीचे से मेरी प्रतिमा निकालकर उसे स्थापित करो, तब से यह परिवार आज तक माता की सेवा करता है। भादवा माता की प्रतिमा बड़ी ही मनोहारी है। माता चांदी के सिंघासन पर विराजीत है। प्रतिमा के पास ही नीचे की ओर नव दुर्गा के नौ रूप विराजमान है। यही माता के समक्ष अखण्ड जोत वर्षो से जल रही है।
Bhadwa Mata ke darshan se rog mukt ho jaate hain rogi: माता के धूनि में से निकाले गए कलेवा को रोगग्रस्त व्यक्ति के अंग पर बांधा जाता है। भादवा माता में चैत्र और शारदीय माह की नवरात्रि में विशाल मेले का आयोजन प्रशासन के द्वारा किया जाता है। इस बार भी प्रशासन ने श्रद्धलुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए पुरी व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और पुलिस की व्यवस्था की गई है वही स्वास्थ्य की दृष्टि से स्वास्थ्य विभाग का भी कैंप यहां लगाया गया। अनुमान है कि इस चैत्र नवरात्रि में करीब 3 से 4 लाख लोग माता के दर्शन करने देश के कोने-कोने से आएंगे। -IBC24 से विजित राव महादिक की रिपोर्ट
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