MP Road Accident: प्रदेश में 2190 गौशालाएं.. फिर भी सड़क पर मवेशी, हर रोज 3 हादसों में जा रही इंसानों की जान, हाईकोर्ट ने इतने जिलों के कलेक्टरों को थमाया नोटिस
प्रदेश में 2190 गौशालाएं.. फिर भी सड़क पर मवेशी, people die in 3 accidents every day in involving cattle In Madhya Pradesh
MP Road Accident. Image Source- IBC24
- मध्य प्रदेश में सड़क हादसों में लगातार इजाफा
- मवेशियों के कारण बढ़ रही सड़क दुर्घटनाएं
- हाईकोर्ट ने कई जिलों के कलेक्टरों को थमाया नोटिस
भोपालः MP Road Accident: मध्य प्रदेश में सड़क हादसों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। हर दिन राज्य के अलग-अलग जिलों से इस तरह की खबरें आती रहती है। आपकों जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर हादसे रात के समय सड़क किनारे बैठे या अचानक सड़क पर आ जाने वाले मवेशियों के कारण हो रही है। पिछले कुछ वर्षों के आँकड़े बताते हैं कि राज्य में हर साल सैकड़ों हादसे केवल आवारा मवेशियों के कारण होते हैं। हर रोज तीन से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में आवारा मवेशियों के कारण इंसानी जान भी जा रही है। मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कई जिलों के कलेक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
MP Road Accident: दरअसल, मध्य प्रदेश में आवारा मवेशियों के पालन-पोषण और देखभाल के लिए गौ-संवर्धन बोर्ड एक निश्चित राशि जारी करती है और इसके अलावा गौशालाओं की मॉनिटरिंग भी करती है, लेकिन बोर्ड की मौजूदगी के बाद भी तस्वीर अलग है। मध्य प्रदेश में हर दिन कोई न कोई शख्स आवारा मवेशियों की वजह से दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। कभी-कभी हादसे में घायलों की मौत तक हो जाती है। वहीं जानवर भी घायल हो जाता है या दम तोड़ देता है। आंकड़ों की बात करें तो हर रोज मध्य प्रदेश में 200 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं आवारा पशुओं के कारण सामने आती हैं। आंकड़े यह भी बताते हैं कि मध्य प्रदेश में वर्ष 2021-2022, 2023-2024 और 2024-2025 में हर रोज तीन से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में आवारा मवेशियों के कारण इंसानी जान गई। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ग्वालियर खंडपीठ ने 13 जिलों के कलेक्टर को नोटिस भी दिया था।
मध्य प्रदेश में हैं 2190 पंजीकृत गौशालाएं
MP Road Accident: बता दें कि मध्य प्रदेश में कुल पंजीकृत गौशालाएं 2190 हैं, जिसमें अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गौशालाओं की संख्या 627 है। वहीं मुख्यमंत्री गौसेवा योजना के अंतर्गत संचालित गौशालाएं 1563 है। इन गौशालाओं में गौवंश की संख्या 3 लाख 15 हजार है। 600 निर्माणाधीन गौशालाओं में 15 करोड़ रुपये भी खर्च किए जा रहे हैं। सक्रिय गौशालाओं की संख्या 1900 से अधिक है। वहीं मध्य प्रदेश में गौशालाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने गौ सेवा आयोग की स्थापना की है और गौशालाओं के लिए अनुदान और अन्य सहायता प्रदान करती है। मध्य प्रदेश में 1170 सर्वसुविधायुक्त गौशालाएं हैं, जिनमें एक लाख 3 हजार से अधिक गौवंश पल रहे हैं। भोपाल में भी लगभग हर दिन लोग आवारा जानवरों की वजह से दुर्घटनाओं का शिकार होते है, कई बार हादसों में वाहन चालक सहित गाड़ी में बैठे लोगों की भी जान चली जाती है। सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाओं के बाद भी गौवंश की सड़क पर मौजूदगी कई सवाल खड़े करती है। प्रदेश में हर दिन सड़क पर बैठे या खड़े इन आवारा पशुओं से लोग चोटिल होते है। प्रदेश के आकंडे चौकानें वाले है। मध्य प्रदेश में शिवपुरी गुना अशोकनगर ग्वालियर छतरपुर पन्ना श्योपुर सहित दर्जनों जिले हैं. जहां इन आवारा पशुओं की वजह से हर रोज 200 से ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। उच्च न्यायालय ने ग्वालियर सहित ग्वालियर-चंबल अंचल के मुरैना, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर, भिंड, विदिशा, गुना व अशोक नगर सहित कुछ और जिलों के कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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