Raisen news: इस वजह से खतरनाक श्रेणी में पहुंचा ये डेम..! ग्रामीणों में बन रही घबराहट की स्थिति

Halali Dam has been put in the dangerous category इस वजह से खतरनाक श्रेणी में पहुंचा ये डेम..! ग्रामीणों में बन रही घबराहट की स्थिति

Raisen news: इस वजह से खतरनाक श्रेणी में पहुंचा ये डेम..! ग्रामीणों में बन रही घबराहट की स्थिति

Due to a wrong report, Halali Dam has been put in the dangerous category

Modified Date: February 20, 2023 / 12:40 pm IST
Published Date: February 20, 2023 12:39 pm IST

Halali Dam has been put in the dangerous category: रायसेन। सम्राट अशोक सागर परियोजना कार्यालय की एक गलत रिपोर्ट के कारण हलाली डेम को खतरनाक श्रेणी में डाल दिया। जिससे केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने इसे डेंजर घोषित कर दिया कि बिना गेट वाले ऐसे डेम, जिसमें जल भराव क्षमता बहुत ज्यादा है और रिसाव होने के चलते खतरनाक साबित हो सकता है। इससे रायसेन और विदिशा के लोगों में घबराहट बढ़ गई, लेकिन वह गलती सुधार ली गई।

ग्रेड- 3की जगह ग्रेड-1 में डला नाम

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हलाली डैम के एसडीओ विमल श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया, कि डैम पूरी तरह सुरक्षित है। एक छोटी सी गलती से गलत रिपोर्ट चली गई थी जिसे सुधार लिया गया है। वहीं, दूसरी तरफ ज्यादा बारिश के कारण हलाली डेम में इस बार रिकार्ड लेवल तक पानी पहुंच गया था। इसके चलते डेम के वेस्ट वीयर से पानी निकलना मुश्किल था। ऐसा होने से डेम की सुरक्षा को लेकर खतरा भी बढ़ गया था। डेम के ऊपरी भाग के सैकड़ों किसानों की फसलें पानी में डूब गई थीं, लेकिन अगली बारिश में ऐसा नहीं होगा।

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ग्रेड 3 में आता है हलाली डेम

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दरअसल हलाली परियोजना वेस्ट वीयर के पास ही पांच गेट बनाने का काम चल रहा है। बता दें कि हलाली डेम ग्रेड 3 में आता है। इसका मतलब होता है, कि डेम अच्छी स्थिति में है,कहीं कोई खतरे की बात नहीं है, लेकिन गफलत में विभाग ने डेम का नाम ग्रेड-1 में डाल दिया था, यानि बिना गेट वाले ऐसे डेम। इसमें जल भराव क्षमता बहुत ज्यादा है और रिसाव होने के चलते खतरनाक साबित हो सकता है। इसी जानकारी के आधार पर जल शक्ति मंत्रालय ने सम्राट अशोक सागर हलाली डेम को खतरनाक घोषित कर उसके रखरखाव के निर्देश जारी कर दिए।

डेम पर दो जिले निर्भर

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सम्राट अशोक सागर परियोजना के तहत बने डेम पर रायसेन और विदिशा दोनों ही जिले निर्भर हैं। ये निर्भरता सिंचाई से लेकर पेयजल तक के लिए है। रायसेन और विदिशा जिले के 40 हजार हेक्टेयर रकबे में सिंचाई के लिए पानी मिलता है। वहीं, विदिशा शहर में 26 हजार और रायसेन शहर में 8500 घरों में टोटियों से डेम का पानी सप्लाई किया जाता है। इस तरह से किसानों से लेकर शहरी आबादी के लिए डेम बहुत उपयोगी है।

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