Kathavachak Rakesh Vyas Death: ‘एक दिन सबको जाना है’.. शिव महापुराण में कथावाचक ने सुनाया प्रसंग, अगले ही दिन चली गई जान

Kathavachak Rakesh Vyas Death: ‘एक दिन सबको जाना है’.. शिव महापुराण में कथावाचक ने सुनाया प्रसंग, अगले ही दिन चली गई जान

  • Reported By: Arun Srivastava

    ,
  •  
  • Publish Date - April 4, 2025 / 07:01 PM IST,
    Updated On - April 4, 2025 / 07:02 PM IST

Kathavachak Rakesh Vyas Death/ Image Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • राजगढ़ में कथावाचक की अटैक से मौत
  • सात दिवसीय शिव महापुराण के लिए आए थे कथावाचक
  • कथा के तीसरे दिन ही चली गई जान

This browser does not support the video element.

Kathavachak Rakesh Vyas Death: राजगढ़। आज के दौर मे ज़िंदगी मे कब क्या हों जाए ये कोई नहीं कह सकता। लगातार देश में चौकाने वाले मामले आ रहे है। ऐसा ही एक मामला राजगढ़ जिले से सामने आया, जिससे ये सिद्ध हों गया की भगवान के यहां से कभी भी बुलावा आ सकता है। दरअसल, दिन में कथा के दौरान कथा सुन रहे कथावाचक ने श्रद्धालुओं से कहा कि ‘एक दिन सभी को जाना है और उसी रात जब कथावाचक पंडित जी सोए तो सुबह जागे ही नहीं।

Read More: Maa Shanta Devi Mandir in Sihawa: छत्तीसगढ़ में यहां स्थित है प्रभु श्री राम की बहन का मंदिर, संतान प्राप्ति की कामना लेकर दूर-दूर से पहुंचते हैं श्रद्धालु 

साइलेंट अटैक से हुई मौत!

माना जा रहा है कि, कथावाचक की सोते वक्त ही साइलेंट अटैक आने से मौत हो गई। जिले के ब्यावरा में राधा-कृष्ण मंदिर में शिव पुराण कथा चल रही है। कथा 6 अप्रैल तक होने वाली थी। इसमें कथा वाचक इंदौर के पंडित राकेश व्यास थे, जो की बावल्या खुर्द गांव के निवासी थे। पंडित राकेश व्यास भक्तों कोशिव महिमा सुना रहे थे। आयोजक समिति ने बताया कि मंगलवार को शिव महापुराण कथा के दौरान कथावाचक ने विभिन्न प्रसंग पर कथा सुनाई थी और अलग-अलग तथ्य रखे थे। कथावाचक ने कहा था कि “जिंदगी रंज-ओ-गम का मेला है। कल मैं रहूं या ना रहूं, तुम रहो या ना रहो, कथा का श्रवण कर लीजिए, एक दिन राजा हो या रंक या फकीर सबको जाना ही है।”

Read More: सेना में भर्ती के लिए घटाए जाएंगे शारीरिक परीक्षा के मापदंड? रक्षा मंत्रालय ने दिया ये जवाब…देखें 

देर रात तक बातचीत कर रहे थे कथावाचक

आयोजन समिति ने बताया कि, मंगलवार को कथा खत्म होने के बाद पंडित राकेश व्यास रात डेढ़ से दो बजे तक बातचीत करते रहे। इसके बाद सोए तो फिर सुबह नहीं उठे। सुबह जब आयोजनकर्ता चाय लेकर उन्हें उठाने पहुंचा तो वो नहीं जागे। शरीर में भी कोई हलचल नहीं थी, जिसके बाद तुरंत उन्हें ब्यावरा के निजी अस्पताल में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों का कहना है कि नींद में ही उन्हें साइलेंट अटैक आया होगा। कथावाचक पंडित राकेश व्यास इंदौर के पास गाँव के रहने वाले थे। कथावाचक की मौत की खबर सुन सभी हैरान हैं और किसी को विश्वास नही हों रहा है।

कथावाचक पंडित राकेश व्यास की मृत्यु कैसे हुई?

पंडित राकेश व्यास की मृत्यु रात को सोते समय साइलेंट अटैक की वजह से हुई। वह कथा सुनाकर सोने गए थे और सुबह जब उन्हें उठाया गया, तो वह मृत पाए गए।

साइलेंट अटैक क्या है?

साइलेंट अटैक एक प्रकार का दिल का दौरा है, जिसमें मरीज को अचानक से दर्द या लक्षण महसूस नहीं होते हैं, लेकिन दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है। यह आमतौर पर बिना किसी चेतावनी के होता है और इसका पता आमतौर पर बाद में चलता है।

साइलेंट अटैक के क्या लक्षण होते हैं?

साइलेंट अटैक में अक्सर कोई गंभीर लक्षण नहीं होते, लेकिन कभी-कभी हल्की बेचैनी, थकान, चक्कर आना, या सांस में तकलीफ हो सकती है। चूंकि यह अचानक होता है, इसका पता बाद में चलता है।