कन्यादान योजना बनीं मजाक! मंडप पर इंतजार करते रहे दूल्हा-दुल्हन, बिन फेरे ही पकड़ा दी राशि
कन्यादान योजना बनीं मजाक! मंडप पर इंतजार करते रहे दूल्हा-दुल्हन, बिन फेरे ही पकड़ा दी राशि Kanyadaan scheme became a joke!
In the Kanyadan scheme, the money was caught by the bride and groom without any hesitation
श्योपुर। हेवी मशीनरी टीनशेड में कुछ ऐसी ही तस्वीर नजर आई सरकारी सामूहिक विवाह सम्मेलन मेंए जहां मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की अवधारणा का मजाक बनता नजर आया। मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजनाओं में शामिल मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत श्योपुर जिला मुख्यालय पर सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया। श्योपुर जनपद पंचायत के तत्वावधान में बाइपास रोड हेवी मशीनरी टीनशेड में आयोजित इस सम्मेलन के लिए पिछले सप्ताह तक आवेदन लिए गए, जिसमें 63 जोड़ों के विवाह के पंजीयन हुए।
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इसी के तहत जनपद प्रशासन ने टीनशेड प्रांगण में मंच सजाया, 63 जोड़ों के लिए हवनवेदियां भी बनाई, लेकिन सम्मेलन में एक भी जोड़े के फेरे नहीं कराए गए। बल्कि कुछ वर-वधु को बुलार एक दूसरे को माला पहनाई गई और शादी हो गई। जनप्रतिनिधियों के हाथों वधु को 49 हजार रुपए की राशि का चेक प्रदान कर वर-वधु को रवाना कर दिया गया। विधायक बाबू जंडेल ने कुछ वर-वधुओं को चेक प्रदान किये और आशीर्वाद भी दिये, लेकिन उन्होंने कन्यादान योजना के सम्मेलन में खानापूर्ति को लेकर सवाल भी उठाए।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर शुरू हुई मुख्यमंत्री कन्यादान योजना उनकी महत्वाकांक्षी योजना है। जिसमें सरकार द्वारा एक जोड़े के लिए 55 हजार रुपए की राशि दी जाती है। इसमें 49 हजार रुपए की नकद राशि वधु को प्रदान की जाती हैए जबकि 6 हजार रुपए की राशि आयोजन की व्यवस्था के लिए रहती है। विशेष बात यह है कि योजना के तहत होने वाले विवाह सम्मेलन में एक ही पांडाल में सामूहिक विवाह होते हैं और उसी पांडाल में फेरे और निकाह कराए जाते हैं, लेकिन सम्मेलन में फेरे कराए बिना ही शादियां हो गई, जिससे लगा कि इस बार योजना में नई व्यवस्था लागू हुई है।
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इस पूरे मामले में जिला कलेक्टर शिवम वर्मा अब कुछ भी कहने से साफ इंकार कर रहे हैं और कैमरे के सामने भी नहीं आ रहे हैं हालांकि कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने इस पूरे मामले में बताया है कि सिर्फ खानापूर्ति कर श्योपुर कलेक्टर मंत्रियों से वाह वाही बटोरना चाहते है । IBC24 से स्वदेश भारद्वाज की रिपोर्ट

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