Hostages freed Shivpuri : इस गांव के 15 आदिवासी हुए आजाद, ढोलक बजाकर नाचा पूरा गांव, जानिए पूरा मामला

Hostages freed Shivpuri : इस गांव के 15 आदिवासी हुए आजाद, ढोलक बजाकर नाचा पूरा गांव, जानिए पूरा मामला

Hostages freed Shivpuri : Image Source-IBC 24

Modified Date: January 19, 2025 / 12:59 pm IST
Published Date: January 19, 2025 12:59 pm IST

शिवपुरी : Hostages freed Shivpuri  शिवपुरी जिले के इस गांव में जश्न की लहर है। गांव के लोग ढोलक बजाकर नाच रहे है। इस जश्न की वजह आजादी है। महाराष्ट्र के सांगली गाँव से पुलिस ने छापा मारकर बंधक बनाए गए आदिवासियों को छुड़ाया है। बंधन मुक्त होकर गांव पहुंचे आदिवासियों में ख़ुशी की लहार है। शिवपुरी जिले के करेरा तहसील के ग्राम मुजरा का मामला है। बंधुआ मजदूरी के लिए ले जाए गए 15 आदिवासियों को सहरिया क्रांति की मदद छुड़ाया गया। इसमें प्रशासन ने तत्परता दिखते हुए महाराष्ट्र से मुक्त कराकर उनके गाँव वापस लाया गया।

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क्या है पूरा मामला

Hostages freed Shivpuri  करेरा तहसील के उकायला के पास स्थित ग्राम मुजरा से 8 आदिवासी मजदूरों और उनके 7 बच्चों को बनाया गया था। मजदूरी दिलाने का झांसा देकर महाराष्ट्र के सांगली जिले के एक कृषि फार्म पर छोड़ आया। जहा आदिवासियों को बंधक बनाकर रखा गया। इतना ही नहीं इन्हे धमकाया भी गया कि यदि वे प्रति व्यक्ति 50,000 रुपये नहीं चुकाएंगे, तो उन्हें वापस घर जाने नहीं दिया जाएगा। ग्राम भ्रमण के दौरान सहरिया क्रांति के सदस्य राम कृष्ण पाल, संतोष जाटव, अनुराग दिवेदी और दुष्यंत सिंह गाँव पहुँचे। वहाँ उन्होंने पीड़ित परिवारों को बिलखते हुए पाया, जिन्होंने अपनी पीड़ा सुनाई। तत्काल कार्रवाई करते हुए सहरिया क्रांति के सदस्यों ने पंचनामा तैयार किया । जिसके बाद अमोला थाना में शिकायत दर्ज कराई गई । सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन ने जिला कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी को इस गंभीर स्थिति से अवगत कराया। कलेक्टर ने मामले को प्राथमिकता देते हुए महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक पुलिस दल भेजा। महाराष्ट्र पुलिस और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त महाराष्ट्र के सांगली गाँव से पुलिस दल ने छापा मारकर बंधकों को छुड़ाया गया।

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लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।