Shivpuri News: बलारी माता मंदिर के महंत की पिटाई मामला, आस्था के आगे झुका प्रशासन, लिया ये फैसला

बलारी माता मंदिर के महंत की पिटाई मामला, आस्था के आगे झुका प्रशासन Balari Mata Temple controversy, administration bowed before faith

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  • Publish Date - May 22, 2023 / 04:31 PM IST,
    Updated On - May 22, 2023 / 04:32 PM IST

शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क स्थित बलारी माता मंदिर पर होने वाले शतचंडी यज्ञ से पूर्व मंदिर के महंत के साथ हुई मारपीट और फिर भक्तों के पथराव करने को लेकर विवाद गहरा गया। जिसका एक वीडियो भी प्रसारित हुआ जिसमें वन विभाग की महिला रेंजर महंत प्रयाग भारती को पुलिस की मौजूदगी में लाठी से पीटती हुई दिखाई दे रही है। इसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और सुबह बलारपुर के गेट पर भीड़ एकत्रित हो गई। बढ़ते जनाक्रोश को देखते हुए अंततः प्रशासन आस्था के सामने नतमस्तक हो गया।

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प्रशासन ने अपनी गलती स्वीकार की और कलेक्टर-एसपी ने आश्वासन दिया कि अब दर्शन में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी और 24 मई से होने जा रहा शतचंडी यज्ञ भी होगा। भक्तों के लिए करई गेट पर नेशनल पार्क प्रबंधन द्वारा बनाई गई चौकी के दरवाजे खोलने की बात प्रशासन ने कही है। सुबह हिन्दू संगठनों से जुड़े लोग बलारी माता मंदिर पर पहुंच गए और महंत की पिटाई का विरोध दर्ज कराने के लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार की। इसी क्रम में यह सभी लोग मंदिर से वापस कर गेट पर पहुंच गए। यहां झांसी-कोटा फोरलेन हाइवे पर चक्काजाम कर दिया। जैसे ही चक्काजाम की खबर प्रशासन तक पहुंची तो आनन-फानन में सुलह के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में बैठक का आयोजन किया गया। चक्काजाम करने के लिए सड़क पर उतरे हिन्दू संगठन के लोगों सहित मंदिर के महंत प्रयाग भारती को कलेक्ट्रेट बुलवाया गया।

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कलेक्ट्रेट में प्रशासन की ओर से कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने स्वीकार किया कि शुक्रवार को गलती व चूक दोनों से हुई। कलेक्टर ने सार्वजनिक रूप से लोगों को आश्वस्त किया कि मंदिर पर होने वाले यज्ञ में किसी भी तरह का कोई विघ्न नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में यह भी कहा कि जो भक्त पद यात्रा करते हुए मंदिर तक जाना चाहता हैं वह पद यात्रा करते हुए जाएगा जो दंडवत होकर अपनी यात्रा पूरी करना चाहता हैं। वह दंडवत होकर अपनी यात्रा पूरी करें। इसके अलावा जो लोग वाहनों से जाना चाहते हैं वह वाहनों से भी माता के मंदिर तक जा सकते हैं। पूरी बैठक में सीसीएफ उत्तम शर्मा भी मौजूद रहे, लेकिन उन्होंने यज्ञ होने, रास्ता खोलने आदि को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा। ऐसे में मंदिर प्रबंधन को अभी भी इस बात का संशय है कि नेशनल पार्क प्रबंधन विघ्न उत्पन्न कर सकता है।

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मंदिर को लेकर चल रहे विवाद के बीच सुबह से ही कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी भी सक्रिय हो गए। विधायक कलेक्ट्रेट में महंत के साथ पहुंचे और मध्यस्थता का काम किया। नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा ने खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की ओर से मोर्चा संभाला और महंत पक्ष की ओर के लोगों को प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने खुद इस मामले में कलेक्टर से बात करके आयोजन में किसी भी तरह की परेशानी न आने देने और भक्तों को दर्शन से न रोकने की सख्त हिदायत दी है। बता दें कि पिछले 2 माह पूर्व माधव नेशनल पार्क में तीन बाघ ओपन फॉरेस्ट में छोड़ दिए गए हैं। जिस वजह से फारेस्ट डिपार्टमेंट और मंदिर के भक्तों में दर्शन को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जो अब प्रशासन हस्तक्षेप के बाद सुलझ गई है। IBC24 से वीरेंद्र राठौर की रिपोर्ट

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