MP News: मध्यप्रदेश में जल्द ही बनेगी स्पेस टेक नीति, शुरू होगी यूनिफाइड पोर्टल सिस्टम, सीएम डॉ. यादव ने की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा

मध्यप्रदेश में जल्द ही बनेगी स्पेस टेक नीति, शुरू होगी यूनिफाइड पोर्टल सिस्टम, Space tech policy will be made soon in Madhya Pradesh, unified portal system will be started

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Modified Date: June 14, 2025 / 12:12 AM IST
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Published Date: June 13, 2025 10:16 pm IST
MP News: मध्यप्रदेश में जल्द ही बनेगी स्पेस टेक नीति, शुरू होगी यूनिफाइड पोर्टल सिस्टम, सीएम डॉ. यादव ने की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा
HIGHLIGHTS
  • अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन और स्टेकहोल्डर्स से परामर्श के बाद नीति निर्माण अंतिम चरण में।
  • प्रदेश की 1700 से अधिक सेवाएं एक प्लेटफॉर्म पर लाने की तैयारी।
  • शहरी निगरानी, यातायात नियंत्रण और सुरक्षा हेतु व्यापक कार्य योजना लागू की जाएगी।

भोपाल : MP News:  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में आमजन को सुविधाएं उपलब्ध कराने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। विभिन्न विभागों की सेवाओं का लाभ आमजन को आसानी से दिलाने के लिए यूनिफाइड पोर्टल सिस्टम तैयार किया जाए। जिसमें विभिन्न विभागों की सेवाएं एक साथ जोड़कर, आमजन को एक ही स्थान पर लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। यूनिफाइड पोर्टल को विभिन्न विभागों की 1700 सेवाओं को जोड़कर लांच किया जाए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभागों की जानकारी आमजन को आसानी से मिल सके, इसके लिए जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित हो। जनता को विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों की जानकारी देने के उद्देश्य से होर्डिंग्स लगाए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास (समत्व भवन) में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।

MP News:  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि उज्जैन में सिंहस्थ-2028 में विभिन्न तकनीकी कार्यों एवं व्यवस्थाओं के प्रभावी संचालन में नवीन प्रौद्योगिकी की मदद ली जाए। इसे सुनिश्चित करने के लिए एमपीएसइडीसी सॉफ्टवेयर/ऐप तैयार करें और नगरीय विकास एवं आवास विभाग को भी निर्देशित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने नवीन ड्रोन नीति तैयार कर इसे लागू किया है। प्रदेश में कानून और व्यवस्था नियंत्रण के लिए ड्रोन का उपयोग बढ़ाने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए। इसके साथ ही शहरी यातायात प्रबंधन के लिए भी ड्रोन का उपयोग सुनिश्चित किया जाए।

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21 जून को उज्जैन के डोंगला में आयोजित होगी राष्ट्रीय कार्यशाला

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) को उज्जैन में ‘खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा’ विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन होगा। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद एवं अन्य सहयोगियों की ओर से यह कार्यशाला डोंगला स्थित वराहमिहिर खगोलीय वेधशाला में आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर योग शिविर, शून्य छाया अवलोकन, साइंस शो, स्टेम वर्कशॉप, व्याख्यान एवं परिचर्चा जैसी गतिविधियां होंगी।

ड्रोन से निगरानी तंत्र को मजबूत कर डेटा संग्रहण क्षमता बढ़ाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था नियंत्रण के लिए ड्रोन के उपयोग की व्यापक कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि शहरी यातायात प्रबंधन के लिए भी ड्रोन का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। साथ ही ड्रोन के माध्यम से निगरानी तंत्र को मजबूत करते हुए डेटा संग्रहण क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार ने नवीन ड्रोन नीति तैयार कर इसे लागू किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को जानकारी दी गई कि वर्तमान व्यवस्था के अनुसार राजस्व, नगरीय विकास एवं आवास, रेरा, लोक निर्माण, जल संसाधन सहित विभिन्न विभागों की परियोजनाओं में सर्वेक्षण एवं निगरानी कार्य के लिए ड्रोन की सहायता ली जा रही है।

प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं, बढ़ाएं आईटी पार्कों की संख्या

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर में एमपीएसइडीसी द्वारा आईटी पार्क विकसित किए गए हैं। राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश के अनुकूल वातावरण एवं निवेश की बढ़ती संभावनाओं के दृष्टिगत आईटी पार्कों की संख्या बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर सहित सभी आईटी पार्कों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न इंजीनियरिंग महाविद्यालयों का आईआईटी के अनुरूप क्षमतावर्धन करने के निर्देश दिए।

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साइबर अटैक की घटनाएं रोकने के लिए करें प्रभावी कार्यवाही

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि साइबर अटैक की घटनाएं रोकने एवं उनके प्रभावी निष्पादन के लिए मध्यप्रदेश कंप्यूटर इमरजेंसी टीम का गठन किया जाए और सभी शासकीय विभागों में मुख्य सुरक्षा अधिकारी तैनात किए जाएं। उन्होंने कहा कि विभागों के सभी आईटी प्रोजेक्ट/वेबसाइट/ऐप्स का सिक्योरिटी ऑडिट किया जाए, जिसमें सिस्टम के सुरक्षा मानक, डेटा प्रबंधन और प्रोजेक्ट्स की कार्यक्षमता का मूल्यांकन सुनिश्चित हो, जिससे समय रहते किसी भी संभावित जोखिम की पहचान एवं बचाव के उपाय किए जा सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को जानकारी दी गई कि इस वर्ष अभी तक विशेषज्ञों की टीम ने 134 नेटवर्क अटैक को रोकने में सफलता प्राप्त की है। गत माह ऑपरेशन सिंदूर के समय संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त 72 आईपी की पहचान कर उन्हें ब्लॉक करने की कार्रवाई की गई।

ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण एवं निगरानी प्लान का जोनल प्लान बनेगा

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण एवं निगरानी प्लान को जोनल प्लान बनाकर योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा के लिए गृह विभाग के साइबर एक्सपर्ट्स से भी इनपुट लिए जाएं। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ 2028 के टेक्निकल सपोर्ट का प्लान नगरीय आवास एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग मिलकर तैयार करें। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के प्लान का अध्ययन भी करें। उन्होंने कहा कि राज्य की स्पेस टेक नीति तैयार करने के लिए अन्य राज्यों की नीतियों का भी अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि राज्य में स्टार्टअप्स कल्चर को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी मद्रास के मॉडल का अनुसरण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आईटी और संबंधित क्षेत्रों में निवेशकों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करें।

मध्यप्रदेश में जल्द ही बनेगी स्पेस टेक नीति

अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यों की अद्यतन स्थिति से मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि राज्य की स्पेस टेक नीति तैयार करने के लिए स्टेक होल्डर्स को भी कंसल्ट किया गया है। शीघ्र ही राज्य की स्पेस टेक नीति तैयार की जाएगी। अपर मुख्य सचिव श्री दुबे ने बताया कि एमपी-सर्ट द्वारा विभिन्न विभागों का साइबर सुरक्षा के संबंध में प्रशिक्षण कराया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए कार्यवाही की जा रही है। श्री दुबे ने जानकारी दी कि नर्मदा नदी के गहरीकरण का मानचित्रण कराया गया है। उन्होंने बताया कि शासकीय कर्मचारियों के लिए ईएचआरएमएस, सिंगल साइन ऑन, नागरिकों लिए यूनिफाइड पोर्टल आदि विकसित किए गए हैं। उन्होंने डेटा सेंटर के विकास, एवीजीसी लैब, इनक्यूबेशन सेंटर्स की स्थापना, आईटी स्टार्टअप्स, ईएसडीएम पार्क की स्थापना, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, जीसीसी की स्थापना आदि बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में आईटी और संबंधित क्षेत्रों के उद्योगों की स्थापना के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश की स्पेस टेक नीति कब तक आएगी?

नीति अंतिम चरण में है और विभिन्न हितधारकों से परामर्श के बाद जल्द जारी की जाएगी।

यूनिफाइड पोर्टल सिस्टम क्या है और इसका लाभ क्या होगा?

यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगा, जहां प्रदेश की 1700 से अधिक सरकारी सेवाएं एक स्थान पर उपलब्ध होंगी, जिससे आमजन को सुविधा होगी।

ड्रोन नीति के तहत किन क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग होगा?

कानून-व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, निगरानी, सर्वेक्षण और डेटा संग्रहण जैसे कार्यों में ड्रोन तकनीक का उपयोग बढ़ाया जाएगा।

साइबर सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

MP-CERT का गठन, मुख्य सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति, और सभी आईटी प्रोजेक्ट्स का सिक्योरिटी ऑडिट कराया जाएगा।

प्रदेश में आईटी निवेश को कैसे बढ़ावा दिया जा रहा है?

पीपीपी मॉडल पर आईटी पार्कों की संख्या बढ़ाई जा रही है, साथ ही स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन और डेटा सेंटर सुविधाएं दी जा रही हैं।