Home » Madhya Pradesh » The dark deeds of the Transport Department have been exposed again.. The matter of extortion of Rs. 50 crores has come to light
परिवहन विभाग के काले कारनामें फिर हुए उजागर.. 50 करोड़ रुपए की उगाई की बात आई सामने, जानें पूरा मामला
चैकपोस्टों और आरटीओ कार्यालयों से 5 महीने में 50 करोड़ की उगाई की बात सामने आई है!Parivahan Vibhag Ke Kale Karname
Publish Date - January 9, 2025 / 01:20 PM IST,
Updated On - January 9, 2025 / 01:20 PM IST
Gwalior News | Photo Credit: IBC24
ग्वालियर। Gwalior News : मध्यप्रदेश के ग्वालियर से बड़ी खबर सामने आई है। जहां परिवहन विभाग के काले कारनामे फिर उजागर हुए है। चैकपोस्टों और आरटीओ कार्यालयों से 5 महीने में 50 करोड़ की उगाई की बात सामने आई है। साल 2020 के उपचुनाव से पहले शिकायत सामने आई है। परिवहन विभाग के रिटायर निरीक्षक दशरथ प्रसाद पटेल का भी नाम उजागर हुआ है। बता दें कि शिकायतकर्ता ने गृह मंत्री अमित शाह से शिकायत की थी।
शिकायत में संलग्न दस्तावेजों के आधार पर डीपी पटेल सैंधवा परिवहन चैक पोस्ट पर पदस्थ थे। 5 महीने में 50 करोड़ रुपए के लेने-देने का शिकायत में लेखा-जोखा है। तत्कालीन परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त पर भी सवाल उठाए गए हैं। जिला कोर्ट में 27 जनवरी को सुनवाई होगी। शिकायत किसने की ये पहचान वीडियो से होगी। स्पीड पोस्ट के जरिए शिकायत की गई थी। क्राइम ब्रांच पुलिस के पास मामला पहुंचा था।
ग्वालियर में परिवहन विभाग के किस काले कारनामे का खुलासा हुआ है?
ग्वालियर में परिवहन विभाग के एक काले कारनामे का खुलासा हुआ है, जिसमें चेकपोस्टों और आरटीओ कार्यालयों से 5 महीने में 50 करोड़ रुपये की अवैध उगाई की गई थी।
यह मामला किसके खिलाफ है?
इस मामले में रिटायर निरीक्षक दशरथ प्रसाद पटेल का नाम सामने आया है, जो सैंधवा परिवहन चैक पोस्ट पर पदस्थ थे। इसके अलावा तत्कालीन परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त पर भी सवाल उठाए गए हैं।
यह शिकायत किसने की थी?
शिकायतकर्ता ने गृह मंत्री अमित शाह से शिकायत की थी, और इसके आधार पर यह मामला उजागर हुआ।
इस मामले में अगला कदम क्या है?
मामले की सुनवाई 27 जनवरी को जिला कोर्ट में होगी। इस दौरान शिकायतकर्ता की पहचान वीडियो से की जाएगी और मामले की जांच क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा की जा रही है।
ग्वालियर में इस तरह के कारनामे पहले भी सामने आए हैं?
हां, इससे पहले भी ग्वालियर में परिवहन विभाग से जुड़ी भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आ चुकी हैं, लेकिन इस बार यह मामला और भी गंभीर नजर आ रहा है।