चुनाव नजदीक आते ही बदला सरकार का मूड, फिर शुरू हुई इस शहर को नए जगह पर बसाने की कवायद

The state government will set up a new city for the assembly elections मध्य प्रदेश के लिए 2023 के विधानसभा चुनाव बेहद खास है।

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  • Publish Date - February 22, 2023 / 01:03 PM IST,
    Updated On - February 22, 2023 / 01:03 PM IST

The state government will set up a new city: ग्वालियर। मध्य प्रदेश के लिए 2023 के विधानसभा चुनाव बेहद खास है। कांग्रेस हो, या बीजेपी दोनों ही एक दूसरे को पटखनी देने के लिए मैदान में है, तो हीं मौजूदा सरकार के मंत्री, विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में उन कार्यों को देख रहे है, जिस पर बड़ी राशि खर्च होने के बाद भी उन प्रोजेक्टों की तस्वीर नहीं बदली है। ऐसे में ग्वालियर के “साडा” यानि ग्वालियर विशेष प्राधिकरण पर अब चुनाव नजदीक आते ही, उसकी तस्वीर बदलने की बातें फिर शुरू हो गयी है। जबकि साडा पर 29 साल में 600 करोड़ रूपए खर्च हो चुके है, लेकिन आज भी साडा विरान है।

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सरकारी फाइलों और बंजर जमीन के बीच घूम रही योजना

ग्वालियर शहर में नया शहर बसाने की योजना बीते 29 साल से सरकारी फाइलों और बंजर जमीन के बीच घूम रही है। हालात यह है कि योजना के नाम पर करीब 600 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च कर दी गयी। लेकिन आज तक किसी भी शख्स ने नए शहर में अपनी आमद नहीं दी हैं। वहीं अब विधानसभा चुनाव नजदीक आते है। सरकार एक बार फिर साडा की तरफ मूड गयी है। साथ ही उसकी तस्वीर बदलने की बात कर रही है, जबकि हालत ये है, नया शहर बसाने के नाम प्राधिकरण से जुड़े पूर्व के पदेन पदाधिकारियों ने राशि का गबन कर लिया है, जिसकी जांचे लोकायुक्त में चल रही है।

साल 1992 में प्रदेश सरकार ने ग्वालियर की बढ़ती आबादी को देखकर दिल्ली के नोएडा की तर्ज पर एक नया शहर बसाने की योजना बनाई थी। लेकिन भारी रकम खर्च करने के बाद भी साडा यहां न तो बिजली, पानी, सीवर जैसी जरूरी सुविधाएं जुटा पाया है और न ही बनाई हुई सड़कों का मेंटेन करा पाया है। नतीजा यह हुआ कि 29 सालों से लोगों को लुभाने में लगे साडा के अफसर बसाहट नहीं कर पाए हैं। ऐसे में चार दिन पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने साडा में 167 करोड़ रूपए की योजनाओं का लोकार्पण ओर शिलांयस किया है।

साडा की तस्वीर बदलने का सपना एक बार फिर दिखाया

The state government will set up a new city: वहीं मौजूदा विधायक ओर मंत्री भारत सिंह कुशवाह, फिर से साडा के प्रोजेक्ट में तेजी लाने की बात कर रहे है। अभी कुछ दिन पहले ही, शिवराज सरकार के मंत्रियों ओर मोदी सरकार के मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साडा को ग्रीन फील्ड सिटी के प्रोजेक्ट में शामिल कराने के लिए एडीचोटी का जोर लगा दिया था लेकिन ये प्रोजेक्ट, साडा की लोकेशन ओर उसके पूर्व के इतिहास को देखकर ग्रीन फील्ड सिटी से बाहर कर दिया है।

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अब ऐसे में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही फिर से जन प्रतिनिधियों ने साडा की तस्वीर बदलने का सपना एक बार फिर दिखाया है। ऐसे में देखना होगा, वो जमीन पर आ पाता है या फिर सपना बनकर रह जाता है।

 

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