स्टेरॉइड्स नहीं इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन के इस्तेमाल से कम इम्यूनिटी वाले मरीजों को हुआ ब्लैक फंगस, यहां के डॉक्टर ने किया दावा

The use of industrial oxygen caused black fungus in patients with low immunity, this doctor claimed the doctor's claim

Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: October 13, 2021 10:44 pm IST

जबलपुरः कोरोना वायरस ने दुनियाभर में तबाही मचाई। हिंदुस्तान ने भी संक्रमणकाल में डटकर मुकाबला किया। भले ही अब संक्रमण के केस कम हो रहे हों, लेकिन ब्लैक फंगस यानि म्यूकर माईकोसिस अब भी कहर बरपा रहा है। जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज से अब तक ब्लैक फंगस के 250 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं। अब भी 15 मरीज भर्ती हैं। हैरानी की बात ये है कि ब्लैक फंगस के कई नए मरीजों में कोविड हिस्ट्री या डेंगू हिस्ट्री भी नहीं मिल रही।

READ MORE : दो दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया, कल प्रदेश कार्यकारिणी की लेंगे बैठक

ब्लैक फंगस को लेकर हर कोई अलग-अलग दावा कर रहा है। जबलपुर के एक एक्सपर्ट डॉक्टर का दावा है कि इलाज में इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का इस्तेमाल करना एक बड़ी गलती थी। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन के इस्तेमाल से कम इम्यूनिटी वाले मरीजों को ब्लैक फंगस ने घेर लिया।

 ⁠

READ MORE : जियो टॉवर पर चढ़कर सरंपच पति ने की आत्मदाह की कोशिश, खाद्य विभाग के बाबू पर राशन कार्ड बनाने के लिए पैसे मांगने का लगाया आरोप

कोरोना की सेकेंड वेव के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते इलाज में इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया गया। जिस पर अब कुछ भी बोलने से अधिकारी बच रहे हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि कई बीमारियों के इलाज में डॉक्टर स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करते हैं। अब भी ब्लैक फंगस मरीज मिलने के पीछे इसे ही बड़ी वजह माना जा रहा था।

READ MORE :  इस वैक्सीन की सिंगल डोज ही कोरोना पर होगी असरदार! भारत में होगा इसका उत्पादन

ये बात सच है कि पूरी दुनिया में भारत ही वो देश है। जहां मरीजों के इलाज में इंडस्ट्रियल ऑक्सीज़न का धडल्ले से इस्तेमाल हुआ। जो अब जानलेवा साबित हो रहा है।

 

 

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।