Pujari's Latter to mohan bhagwat

पुजारियों के सवालों का जबाव दो संघ प्रमुख! महाकाल मंदिर के पुजारियों ने भागवत को लिखा पत्र, पूछे ये तीन सवाल

Pujari's Latter to mohan bhagwat महाकाल मंदिर के पुजारियों ने आरएसएस प्रमुख को पत्र लिख पूछें तीन सवाल, मांगा जवाब

Edited By :   Modified Date:  February 9, 2023 / 12:54 PM IST, Published Date : February 9, 2023/12:54 pm IST

Pujari’s Latter to mohan bhagwat: उज्जैन। इन दिनों देश में रामचरितमानस की एक चौपाई को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। इसी बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान ने आग में घी डालने वाला काम किया है। रविवार को मुंबई में संत रविदास जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि “जाति भगवान ने नहीं बल्कि पंडितों ने बनाई जोकि गलत है। भगवान हम सभी के लिए एक है। हमारे समाज में बांटकर इसका फायदा दूसरे लोगों ने उठाया है।” वहीं मध्य प्रदेश के उज्जैन में अब भागवत का विरोध हो रहा है।

मोहन भागवत को लिखा पत्र

Pujari’s Latter to mohan bhagwat: महाकालेश्वर मंदिक में पुजारी महेश गुरु और अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के उपाध्यक्ष रूपेश मेहता ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, पुजारियों ने संघ प्रमुख को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने तीन सवाल पूछते हुए संघ के अंदर व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े किए हैं। लेटर में पूछा गया है कि क्या संघ में वर्ण व्यवस्था समाप्त करेंगे? साथ ही लिखा कि उनके इस बयान से देश के ब्राह्मणों और पंडितों को ठेस पहुंची है। लेटर में कहा गया है कि देश के ब्राह्मणों, पंडितों को उपरोक्त तीन बिंदुओं पर उत्तर देने की कृपा करें।

लेटर में संघ प्रमुख से पूछे ये 3 सवाल

1. Pujari’s Latter to mohan bhagwat: त्रेतायुग में भगवान राम किस वर्ण और वंश के थे? रावण का वंश और वर्ण क्या था? शबरी और केवट किस वर्ण और वंश के थे? त्रेतायुग में वर्ण व्यवस्था किसने बनाई? श्रीराम ने, रावण ने, शबरी ने या केवट ने स्पष्ट करें?

2. Pujari’s Latter to mohan bhagwat: द्वापरयुग में श्रीकृष्ण ने यदुवंश में जन्म लिया, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में जब स्वयं को वर्ण व्यवस्था का रचनाकार बताया है, तो ब्राह्मण समाज पर आरोप क्यों?

3. Pujari’s Latter to mohan bhagwat: यदि देश में वर्ण व्यवस्था समाप्त करना चाहते हैं, तो पहले संघ और घटकों की वर्ण व्यवस्था को समाप्त करे। सभी कार्यकर्ताओं के लिए आदेश निकालें कि अपने लड़के–लड़कियों के विवाह संस्कार दलित और पिछड़े वर्ग में करें। सभी सदस्यों से एक लिखित नोटरी करें कि आप किसी वर्ण से संबद्ध नहीं रहेंगे। यदि कोई भी सदस्य वर्ण व्यवस्था में रहता है, तो वह संघ को छोड़ सकता है या क्या आप स्वयं उसे संघ से बाहर करेंगे?

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