IBC24 MAHAKUMBH CONCLAVE 2025: उज्जैन महाकुंभ में कैसी होनी चाहिए व्यवस्था? संत रामेश्वर दास ने सरकार को दिया सुझाव

IBC24 MAHAKUMBH CONCLAVE 2025: उज्जैन महाकुंभ में कैसी होनी चाहिए व्यवस्था? संत रामेश्वर दास ने सरकार को दिया सुझाव

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  • Publish Date - February 10, 2025 / 09:30 AM IST,
    Updated On - February 10, 2025 / 09:40 AM IST

IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025। Photo Credit: IBC24

IBC24 MAHAKUMBH CONCLAVE 2025: उज्जैन। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ का नंबर 1 न्यूज चैनल IBC24 हमेशा से अपने जनहित के मुद्दों के लिए पहचाना जाता है। पिछले 16 साल से लगातार जनता की आवाज को बुलंद करते हुए IBC24 ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। हमारी प्राथमिकताओं में केवल खबरें ही नहीं.. धार्मिक और सामाजिक मुद्दे भी है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के बीच बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में IBC24 आज अपना खास कार्यक्रम महाकुंभ संवाद आयोजित कर रही है, जिसमें कई महंत और अफसर शामिल हो रहे हैं।

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कार्यक्रम के दूसरे सेशन ‘सनातन का शक्ति केंद्र’ में रामेश्वर दास जी महाराज, महेश पुजारी और महामंडलेश्वर भगवान दास जी महाराज शामिल हुए। कार्यक्रम में संत रामेश्वर दास ने सरकार को सुझाव देते हुए बताया कि उज्जैन महाकुंभ में उनकी व्यवस्था कैसी होने चाहिए। संत रामेश्वर दास ने प्रयागराज में किए अमृत स्नान का अनुभव साझा करते हुए बताया कि, वहां की व्यवस्था अच्छी थी। लेकिन, जिस हिसाब से वहां श्रद्धालुगण आए और 144 वर्ष का प्रचार-प्रसार किया गया और उससे जो जनचता अमावस्या के दिन उमड़ी, उसको ध्यान में रखते हुए एक चूक सरकार के द्वारा हुई कि संगम स्थान पर जो श्रद्धालु मौजूद ते वो उपना आसन बिछाकर बैठ गए और लेट गए।

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संत रामेश्वर दास ने कहा कि, आम आदमी को 20-30 किमी पैदल चलना पड़ा। थके हुए थे। वो इस उद्देश्य से वहां रूके हुए थे कि जैसे ही 12 बजेंगे हम स्नान प्रारंभ कर देंगे। उसमें पुलिस की जो व्यवस्था थी जितने भीड़ के आकलन उन्होंने किया उससे ज्यादा थी। 12 बजे के बाद जो श्रद्धालु आए जमीन पर उनके पैर ही नहीं टीके और ऊपर ही ऊपर, एक के ऊपर एक धक्का देकर चलने लगे। इसी वजह से जो लोग सोए हुए थे उनके पर वो चल गए और दौड़ गए। इसी वजह से बहुत लोग घायल हुए और कुछ की मृत्यु भी हो गई।

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संत रामेश्वर दास ने कहा कि,  हादसे के बाद यूपी सरकार ने अतिरिक्त आर्मी बुलाया गया। लेकिन, स्नान के वक्त पहले से ही अतिरिक्त आर्मी की व्यवस्था उन्हें करनी चाहिए थी। संगम पर जो भी यात्री बैठे और लेटे थे उन्हे बल पूर्वक हटाना था। और स्नान काराकर उन्हे वहां से हटा देना था। ये चूक अमावस्या के दिन हुई। सरकार अब जो व्यवस्था कर रही है संगम में भीड़ को लेकर श्रद्धालुओं को जानकारी दे रही है वो उन्हें पहले से ही करनी चाहिए थी। लोगों को भी समझना चाहिए की भीड़ है तो थोड़ा रूककर जाएं। उज्जैन महाकुंभ को लेकर भी संत रामेश्वर दास ने कहा कि, यहां पांच तरफ से रोड आती है। तो जिस रोड से यात्री आ रहे हैं उनके लिए अलग अलग घाट निर्धारित हो।

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