Amit Shah visit to Rewa: कृषक सम्मेलन में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह, अटल बिहारी वाजपेई को किया नमन, राम-राम” कहकर शुरू किया संबोधन, देखें लाइव
Amit Shah visit to Rewa: कृषक सम्मेलन में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह, अटल बिहारी वाजपेई को किया नमन, राम-राम” कहकर शुरू किया संबोधन, देखें लाइव
Amit Shah visit to Rewa
रीवा: Amit Shah visit to Rewa केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज मध्यप्रदेश दौरे पर है। इस दौरान वे आज रीवा के कृषक सम्मेलन में शामिल हुए और लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधिन में मंत्री शाह ने भाषण की शुरुआत विंध्य के लोगो को राम राम से की। इसके बाद वे बोले आज हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेई की जयंती है मैं उन्हें नमन करता हूं। मुझे बताया कि जब वह प्रधानमंत्री थे तब रीवा के रहने वाले विजय कुमार बहादुर सिंह उनके वहां के चालक हुआ करते थे और वह कौन से बघेली में बात करत थे। अटल जी ने न केवल भारतीय जनता पार्टी पूरे देश के सार्वजनिक जीवन में सूचिता को बड़ा महत्व दिया। उन्होंने अपने कर्मा के कारण एक ऐसे नेता के श्रेणी में आ गए, जो बोला वो करके दिखाए।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का रीवा क्षेत्र आज विकसित क्षेत्र में बढ़ रहा है। आज ऐशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट हमारे रीवा में बनकर तैयार हुआ है। मैं अभी आ रहा था तो मैं मुख्यमंत्री जी से कहा कि हमारा हवाई जहाज दिन ढलने के बाद उड़ने में दिक्कत तो नहीं होगी तो उन्होंने कहा कि रीवा एयरपोर्ट 24 घंटे फ्लाइट से उड़ने के लिए तैयार है।
यहां प्राकृतिक खेती योजना खेती के लिए तैयार किया गया मॉडल बेहतरीन है। यहां हो रही औद्योगिक खेती को देखकर मन आमंत्रित हो गया। यहां दलहनी फसल गेहूं सब्जी एवं बेल की सब्जी तैयार हो रही है।
अभी मुझे बताया कि 1 एकड़ में तकरीबन सवा लाख रुपए का फायदा लोगों को मिलेगा। प्राकृतिक खेती यहां के लोग शुरू किए हैं एक दूसरे को देखकर वह दिन दूर नहीं जब यहां बड़े पैमाने का प्राकृतिक खेती एवं जैविक खेती होगी।
यह किसानों को लाकर ट्रेनिंग तथा उन्हें प्राकृतिक खेती दिखानी चाहिए जिससे वह प्रेरित हो सके। प्राकृतिक खेती कोई नई खेती नहीं है यह परंपरागत खेती है बीच में इसकी खेती करना लोगों ने बंद कर दिया था।
किशोर की मेहनत से जो अनाज होता है वह दुनिया के लोगों का पेट भरने का काम करता है। बीपी शुगर अन्य प्रकार की बीमारियां अनाज में मिश्रित खाद एवं अन्य रासायनिक का देन है। बीमारियों से अगर छुटकारा पाना है तो प्राकृतिक खेती की ओर जाना होगा। देश की 40 लाख किस प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके हैं। यहां तक मैं स्वयं प्रति खेती से जुड़ चुका हूं।
उन्होंने कहा कि जब इतने बड़े पैमाने में प्राकृतिक खेती होगी तो इसकी ब्रांडिंग कौन करेगा तो चिंता करने की जरूरत नहीं है हमारे देश के प्रधानमंत्री ने इसकी चिंता कर ली है दो बड़ी कंपनियां इसके ब्रांडिंग एवं बेचने का काम करने का काम करेगी।
पूरी दुनिया में प्राकृतिक अनाज की कीमत बहुत है दुनिया ही मान चुकी है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक अनाज ही जरूरी है। देश में 400 से अधिक लाइव है जो किसानों की इस प्राकृतिक खेती में उत्पन्न होने वाले अनाज को प्रमाणित करेंगे।
बसावन मामा कभी अपना अलग इतिहास है। पहले प्रकृति प्रेमी थे जो पीपल के पेड़ के लिए अपने जान की आहुति दे दिए। आने वाले समय में बरसात के दिनों में हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हमें पांच पीपल का वृक्ष लगाना चाहिए।
सर्वाधिक आक्सीजन देने वाला पेड़ भी पीपल है यह भी ध्यान रखना चाहिए। स्पीड में स्वयं भगवान विष्णु का निवास होता है। यह पेड़ तकरीबन 200 से 300 साल तक ऑक्सीजन देता रहता है।
बसावन मामा गांव अभ्यारण में बना प्रतीक खेती का मॉडल यहां के किसानों के लिए वरदान साबित होगा। भारत माता की जय
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