Liquor Mafia Vidisha : डर के साए में बीजेपी नेता… शराब माफियाओं के खौफ से बंदूक लेकर चलने को मजबूर, सुरक्षा की लगाई गुहार

डर के साए में बीजेपी नेता...Liquor Mafia Vidisha: Fear of liquor mafia among BJP leaders, forced to carry gun

Liquor Mafia Vidisha | Image Source | IBC24

विदिशा : Vidisha News : मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में शराब ठेकेदारों (Liquor Mafia Vidisha ) और उनके गुंडों का आतंक इस कदर बढ़ चुका है कि अब भाजपा नेता और पार्षद प्रतिनिधि अखिलेश राजपूत को अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक लेकर सरकारी दफ्तरों में जाना पड़ रहा है।

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भाजपा नेता ने प्रशासन से मांगी शस्त्र रखने की अनुमति

Liquor Mafia Vidisha : विदिशा नगर पालिका के वार्ड-7 से पार्षद प्रतिनिधि अखिलेश राजपूत शुक्रवार को बंदूक के साथ सीएमओ से मिलने पहुंचे। उन्होंने प्रशासन से आधिकारिक रूप से शस्त्र लेकर चलने की अनुमति मांगी है। उनका कहना है कि शराब ठेकेदारों और उनके गुंडों की धमकियों के कारण उनकी जान को खतरा है।

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शराब ठेकेदारों का बढ़ता आतंक

Liquor Mafia Vidisha : विदिशा सहित जिलेभर में शराब ठेकेदारों और उनके गुंडों का खौफ इस कदर बढ़ गया है कि वे अवैध शराब की बिक्री खुलेआम कर रहे हैं और जो कोई भी विरोध करता है, उसके साथ मारपीट करने से भी नहीं चूकते। बीते दिनों भाजपा नेता और जनपद अध्यक्ष के पति पर बीच बाजार लाठी-डंडों से हमला किया गया। आम लोगों को धमकाने और मारपीट की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानून ने भी सोशल मीडिया पर इन गुंडों का विरोध करने और सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

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आंदोलन और विरोध के बावजूद बढ़ रहा खतरा

Liquor Mafia Vidisha : पार्षद प्रतिनिधि अखिलेश राजपूत पहले भी शराब दुकानों के खिलाफ कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों को अनदेखा कर दिया गया। यही कारण है कि उन्होंने प्रशासन से खुद की सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस की अनुमति मांगी है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन शराब ठेकेदारों और उनके गुंडों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है और क्या भाजपा नेता को बंदूक लेकर सरकारी दफ्तरों में जाने की इजाजत दी जाती है या नहीं। फिलहाल, इस घटना ने शहर में कानून व्यवस्था और शराब माफिया के बढ़ते प्रभाव पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

क्या विदिशा में शराब ठेकेदारों का आतंक बढ़ गया है?

हाँ, शराब ठेकेदारों और उनके गुंडों द्वारा अवैध शराब की बिक्री और आम लोगों के साथ मारपीट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

भाजपा नेता अखिलेश राजपूत बंदूक लेकर सरकारी दफ्तर क्यों पहुंचे?

उन्होंने प्रशासन से शस्त्र रखने की अनुमति मांगी है क्योंकि शराब ठेकेदारों से उनकी जान को खतरा है।

क्या भाजपा नेता पहले भी शराब ठेकों का विरोध कर चुके हैं?

हाँ, अखिलेश राजपूत और अन्य नेताओं ने कई बार शराब दुकानों के खिलाफ आंदोलन किया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

प्रशासन ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?

फिलहाल, प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, लेकिन मानव अधिकार आयोग और कई नेताओं ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है।

. क्या विदिशा में अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाई जाएगी?

यह प्रशासन की कार्रवाई पर निर्भर करता है, लेकिन फिलहाल अवैध शराब की बिक्री बेरोकटोक जारी है।