ग्रामीणों ने घायल महिला को पीठ पर लादकर 2 किमी तक लगाई दौड़, निजी जमीन दान देने के बाद भी गांव तक नहीं बनी सड़क |

ग्रामीणों ने घायल महिला को पीठ पर लादकर 2 किमी तक लगाई दौड़, निजी जमीन दान देने के बाद भी गांव तक नहीं बनी सड़क

Villagers carried the injured woman on her back and ran for 2 km जिले के कलमेश्वरा गांव के ग्रामीण बुनियादी सुविधाएं बिजली, पानी और सड़क के लिए जूझने को मजबूर है...आज भी ग्रामीणों को अपने बीमार परिजन को कंधे पर लादकर 2 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : February 21, 2022/5:39 am IST

बैतूल। Villagers carried the injured woman: जिले के कलमेश्वरा गांव के ग्रामीण बुनियादी सुविधाएं बिजली, पानी और सड़क के लिए जूझने को मजबूर है…आज भी ग्रामीणों को अपने बीमार परिजन को कंधे पर लादकर 2 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है…रविवार को भी मनरेगा में कार्य करते समय एक महिला मजदूर अचानक बेहोश हो कर गिर गई…अस्पताल पहुंचाने परिजनों ने घायल महिला को पीठ पर लादकर 2 किलोमीटर तक सरपट दौड़ लगाई। जिससे समय पर इलाज मिलने से श्यामवती की जान बच गई।

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बतादें ग्रामीणों को लंब संघर्ष के बाद बीते साल गांव तक मनरेगा के तहत 14 लाख की लागत से सड़क निर्माण की मंजूरी मिली थी…लेकिन अभी तक निर्माण कार्य नहीं हो पाया है…और ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है…वहीं समस्या को देखते हुए गांव के कुछ किसान सड़क के लिए निजी जमीन को दान देने के लिए भी तैयार है…लेकिन शासकीय प्रक्रियों के चलते उनकी समस्या सुलझ नहीं पा रही है…।

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