MP News: मंदिर के पुजारी को गांव वालों ने दी तालिबानी सजा! दूध-दही और राशन बंद, बच्चों को भी किया स्कूल से बाहर, जानिए क्या थी गलती?

मंदिर के पुजारी को गांव वालों ने दी तालिबानी सजा! दूध-दही और राशन बंद, Villagers gave Taliban punishment to temple priest over land dispute

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  • Publish Date - July 16, 2025 / 07:29 PM IST,
    Updated On - July 17, 2025 / 12:03 AM IST

MP News. Image Source-IBC24

HIGHLIGHTS
  • मूर्ति स्थानांतरण का विरोध करने पर पुजारी के परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया।
  • बच्चों को स्कूल से निकालने, और जरूरी सामान देने से रोकने का वीडियो वायरल।
  • पीड़ित पुजारी ने कलेक्टर से शिकायत की, जांच के आदेश जारी।

उज्जैनः MP News: मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के बड़नगर तहसील के झलारिया पीर गांव में करीब 300 साल पुराने देव धर्मराज मंदिर से मूर्ति हटाने का विरोध करना एक पुजारी और उसके परिवार को भारी पड़ गया। मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश का विरोध करने पर गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों ने खाप पंचायत जैसा फैसला सुनाते हुए पुजारी पूनमचंद चौधरी (पूनाजी) का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। इतना ही नहीं उनके परिवार की किसी भी तरह की मदद करने पर ₹51 हजार का जुर्माना लगाने की घोषणा कर दी गई।

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स्कूल से बच्चों को निकाला, दुकानों से सामान देना बंद

MP News:  पूनाजी के विरोध के बाद गांव के ही नारायण मंदिर में 14 जुलाई को एक स्वघोषित पंचायत बुलाई गई। पंचायत में निर्णय लिया गया कि कोई भी ग्रामीण उनके परिवार को दूध, दही, किराना, या अन्य आवश्यक वस्तुएं नहीं देगा। सफाईकर्मी को भी उनके घर का कचरा उठाने या मृत पशु हटाने से मना कर दिया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उनके पोते विराट, सतीश और पोती संध्या को गांव के श्री साईं पब्लिक स्कूल से निकालने का फरमान भी सुनाया गया। प्रिंसिपल राहुल जाट ने बच्चों को स्कूल न भेजने की बात कही है। वीडियो में पंचायत कर्मी सुनाता रहा फरमान इस पूरे बहिष्कार का ऐलान पंचायत कर्मी गोकुल सिंह देवड़ा ने पूरे गांव के सामने किया। इसका वीडियो भी बनाया गया, जिसमें वह “हुक्का-पानी बंद” करने की घोषणा करता दिख रहा है। इस फरमान पर गांव के 50 लोगों के हस्ताक्षर भी करवाए गए हैं। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।

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कब्जे की साजिश, अनुमति के बिना बनाया नया मंदिर

पूनाजी ने बताया कि उनके परिवार की पीढ़ियों से वे मंदिर के पुजारी हैं और शासन उन्हें वेतन के साथ 7 बीघा मंदिर की जमीन पर खेती की अनुमति भी देता है। मंदिर के जीर्णोद्धार की अनुमति के लिए वे एक साल से प्रशासन से अनुरोध कर रहे हैं, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी बीच गांव के दबंग इंदर सिंह ने चंदा जुटाकर उसी जमीन पर बिना अनुमति दूसरा मंदिर खड़ा कर दिया और अब मूर्ति स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहा है। समाज करेगा विरोध, कोर्ट जाने की चेतावनी इस घटनाक्रम पर चौधरी समाज के अध्यक्ष कमल चौधरी ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे शरीयत जैसी तानाशाही करार दिया। उन्होंने कहा कि समाज इस फैसले का कड़ा विरोध करेगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करेगा। यदि प्रशासन कार्रवाई नहीं करता तो समाज कानूनी रास्ता अपनाएगा।

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कलेक्टर से की शिकायत, जांच के आदेश

परेशान होकर पूनाजी मंगलवार को उज्जैन कलेक्टर रोशन सिंह के पास पहुंचे और उन्हें वीडियो और फरमान की प्रतियां सौंपीं। कलेक्टर ने तत्काल मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

यह मामला किस जगह का है?

यह मामला झलारिया पीर गांव, बड़नगर तहसील, उज्जैन जिला, मध्यप्रदेश का है।

पुजारी का कसूर क्या था?

पुजारी पूनाजी ने मंदिर की मूर्ति हटाने और बिना अनुमति नया मंदिर बनाने का विरोध किया था।

पुजारी और परिवार के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?

उन्हें दूध-दही, राशन, सफाई सुविधा से वंचित कर दिया गया और बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया। मदद करने पर ₹51,000 का जुर्माना लगाया गया।

क्या इस मामले में प्रशासन ने कोई कार्रवाई की है?

हाँ, उज्जैन कलेक्टर रोशन सिंह ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है?

हाँ, सामाजिक बहिष्कार और बच्चों को शिक्षा से वंचित करना भारतीय कानूनों के तहत दंडनीय अपराध हैं। चौधरी समाज ने भी कानूनी रास्ता अपनाने की बात कही है।