शह मात The Big Debate: जब-जब जुल्म..तब-तब जिहाद! मौलाना मदनी आखिर क्या चाहते हैं?
Mahmood Madani Statement: जब-जब जुल्म..तब-तब जिहाद! मौलाना मदनी आखिर क्या चाहते हैं?
Mahmood Madani Statement
- मौलाना मदनी ने जिहाद और विवादित मुद्दों पर तीखी टिप्पणी की
- सुप्रीम कोर्ट और सरकार पर सवाल उठाने पर बीजेपी नेताओं ने कड़ा विरोध किया
- वंदे मातरम और वक्फ बोर्ड पर बयान से राजनीतिक हलकों में बहस तेज
भोपाल: Mahmood Madani Statement भोपाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गवर्निंग बॉडी काउंसिल की मीटिंग में मौलाना ने जो तकरीरें पढ़ी। उसपर काफी बवाल मच गया है। मौलाना ने मंच से कहा कि “लव जिहाद, लैंड जिहाद, तालीम जिहाद और थूक जिहाद जैसे जुमले मुसलमानों को आहत करते हैं। इसलिए जब-जब जुल्म होगा। तब-तब जिहाद होगा। मदनी की धमकी पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई।
Mahmood Madani Statement मौलाना ने न सिर्फ जिहाद का मुद्दा उठाया। बल्कि ज्ञानवापी और मथुरा विवाद का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट और सरकार पर भी सवाल उठाया और दावा किया कि अदालतें सरकार के दबाव में काम कर रही हैं।
मदनी ने सुप्रीम कोर्ट और सरकार पर सवाल उठाए तो दिल्ली से लेकर भोपाल तक बीजेपी नेताओं ने मोर्चा संभाला और सुप्रीम कोर्ट के अपमान के लिए मौलाना को आड़े हाथ लिया।
मौलाना मदनी ने इसके अलावा वंदे मातरम, वक्फ बोर्ड और SIR को लेकर भी टिप्पणी की। जिसे लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, लेकिन बड़ा सवाल है। मदनी ने जो कुछ कहा उसके पीछे उनकी मंशा क्या है। क्या वाकई जिहाद के नाम पर मुस्लिमों का अपमान हो रहा है। क्या सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाकर मदनी ने लक्ष्मण रेखा पार की है।

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