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भोपाल: MP News मध्यप्रदेश में एक बार फिर आदिवासियोें के मुद्दे पर सियासी टेम्प्रेचर बढ़ा हुआ है। बीजेपी-कांग्रेस के बीच आदिवासियों का सच्चा रहनुमा बनने की जुबानी जंग छिड़ी है। दऱअसल, नेताप्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने सिविल जज परीक्षा-2022 के नतीजों को लेकर बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप मढ़े। उन्होंने एक्स पर लिखा 191 पदों के लिए सिविल जज की परीक्षा हुई, लेकिन अंतत: केवल 47 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। चिंताजनक ये है। कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 121 पदों पर एक भी चयन नहीं हो सका। ये स्थिति किसी भी संवेदनशील राज्य के लिए चिंता का विषय है। उमंग सिंघार के आरोपों का कांग्रेस नेता समर्थन करते नजर आए और कहा कि कांग्रेस इंसाफ की लड़ाई लड़ती रहेगी।
MP News सिविल जज परीक्षा के रिजल्ट के बहाने कांग्रेस जहां बीजेपी सरकार की घेराबंदी कर रही है, तो बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को आदिवासी विरोधी करार दिया और खुद को आदिवासियों का सच्चा हितैषी बताया।
कुलमिलाकर आदिवासियों को साधने के लिए दोनों पार्टियों में आरोपों की बमबारी जारी है। कौन हितैषी-कौन विरोधी, ये जनता तय करेगी। बाकी परीक्षाओं के अपने मापदंड होते हैं, उनके चयन का अपना मापदंड है। ऐसे में सवाल ये है कि आखिर हर संवैधानिक व्यवस्था पर कांग्रेस सवाल क्यों खड़ा करती है? क्या सारी संस्थाएं गलत हैं और केवल कांग्रेस ही सच्ची है? सवाल ये भी हर चीज में जाति और वर्ग के विभाजन की पॉलिटिक्स क्यों? क्या राजनीतिक विभाजन की दरारों से किसी का विकास हो पाएगा?