भोपाल: Will Congress be comeback in Madhya Pradesh मध्यप्रदेश कांग्रेस ने आज अपने कैप्टन कमलनाथ का 75वां जन्मदिन मनाया। इस खास मौके पर कार्यकर्ताओँ और नेताओँ का उत्साह देखते ही बना। राजधानी भोपाल में दिग्गज नेताओं का जमावड़ा लगा, लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह से कमनलाथ का बर्थडे सेलिब्रेट किया उससे सियासी गलियारों में ये चर्चा का विषय बना कि कांग्रेस ने अपने जन्मदिन के बहाने शक्ति प्रदर्शन किया और ये भी साफ कर दिया कि 2023 का चुनाव कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी। अब सवाल ये है कि क्या कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस कमबैक कर पाएगी?
Will Congress be comeback in Madhya Pradesh मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना 75वां जन्मदिन मनाया। इस मौके पर कांग्रेस के कैप्टन ने अपने विरोधियों के लिए संदेश भी दिया। पहली बार कमलनाथ का जन्मदिन राजधानी भोपाल मे इस तरीके से मनाया गया। या कहे बर्थडे के बहाने शक्ति प्रदर्शन किया गया। दरअसल डेढ़ साल सरकार चलाने के बाद जिस तरीके से कांग्रेस की सरकार गिरी, तो पार्टी के भीतर उनके विरोधियों समेत विपक्षी दलों ने ये अंदाजा लगाना शुरु कर दिया था कि अब कमलनाथ की मध्यप्रदेश से रवानगी तय है। लेकिन कमलनाथ ने 28 सीटों पर पूरी दमखम के साथ उपचुनाव लड़ा, भले नतीजे उम्मीद के विपरित आए। लेकिन कमलनाथ ने हार न मानते हुए तीन विधानसभा सीटों और खंडवा लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए फिर मोर्चा संभाला। कांग्रेस पार्टी को एक ही सीट मिली, लेकिन उपचुनाव के बाद कमलनाथ ने आज पार्टी के भीतर और बाहर के अपने विरोधी जो मध्यप्रदेश की सियासत में अपनी गुंजाइश तलाश रहे उनको तगड़ा संदेश दे दिया है। कांग्रेस नेता भी कमलनाथ के शक्ति प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के सीनियर लीडर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कमलनाथ के ही नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी 2023 का अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
दरअसल केंद्रीय राजनीति में सक्रिय कमलनाथ पर कांग्रेस आलाकमान ने साल 2018 में भरोसा जताया था। कमलनाथ ने खुद को विधानसभा चुनाव में साबित भी करके दिखाया, लेकिन सिंधिया की बगावत के बाद कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी। हालांकि अब तक हुए सभी उपचुनावों में कांग्रेस की हार हुई है। बावजूद इसके कांग्रेस कार्यकर्ताओं का भरोसा कमलनाथ से नहीं उठा है। कांग्रेस के तमाम विधायकों, पदाधिकारियों को उम्मीद है कि कमलनाथ की रणनीति अगले विधानसभा चुनावों में कामयाब होगी और कमलनाथ फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे। हालांकि इन दावों से बीजेपी इत्तेफाक नहीं रखती।
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बहरहाल 2023 के चुनाव में अभी 2 साल का वक्त बचा है, लेकिन कमलनाथ ने अभी से अपने तेवर साफ कर दिये हैं। कमलनाथ ने साफ कर दिया कि वो मध्यप्रदेश छोड़कर नहीं जाने वाले। कमलनाथ के इस संदेश के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस की राजनीति में खुद की जगह तलाश रहे दावेदारों को झटका जरुर लगेगा। साथ ही ये भी तय है कि कमलनाथ जब तक मध्यप्रदेश कांग्रेस की राजनीति का चेहरा होंगे तब तक सत्तारूढ़ बीजेपी को हर चुनाव में जीत के लिए पूरी ताकत लगानी होगी।
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