‘नाथ‘ का एक्शन प्लान, कांग्रेस जोड़ों अभियान! चुनाव से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट कर पाएगा कमलनाथ का चाबुक?
चुनाव से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट कर पाएगा कमलनाथ का चाबुक? Will Kamal Nath's whip be able to unite Congress workers before
(रिपोर्टः नवीन कुमार सिंह) भोपालः चुनाव कोई भी हो, जीतता वही है जिसकी जमीन पर पकड़ मजबूत हो। जिसका संगठन एकजुट हो। मध्यप्रदेश में सत्ता वापसी को बेताब कांग्रेस भी इस बात को बखूबी समझती है। लिहाजा खुद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने मोर्चा संभाल लिया है। जिला प्रभारियों, जिलाध्यक्षों, विधायकों की बैठक में दो टूक कहा कि संगठन की मजबूती के लिए जरूरत पड़े तो सर्जरी भी करेंगे। बैठक के बाद कांग्रेसी उत्साहित दिखे तो बीजेपी तंज कसने का मौका नहीं गंवाई। अब सवाल है कि नाथ के एक्शन प्लान से कांग्रेस बीजेपी को मात दे पाएगी।
पीसीसी चीफ कमलनाथ के तेवर बता रहे हैं कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस एक्शन मोड में आ चुकी है। जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने और बीजेपी सरकार के खिलाफ मुकम्मल अभियान चलाने के लिए फरमान जारी किया है। जिला प्रभारियों, जिलाध्यक्षों और विधायकों की बैठक में कमलनाथ ने दो टूक कहा कि 2023 का चुनाव कांग्रेस के लिए अग्निपरीक्षा है। लिहाजा अभी से उसका रोडमैप तैयार करें। ताकि बीजेपी से दो-दो हाथ करने में आसानी रहे। कमलनाथ बैठक में विधायकों और पदाधिकारियों पर भी जमकर बरसें.. यहां तक कह दिया कि निकाय चुनाव तो महज़ रिहर्सल थी। मुझे मालूम है कि चुनावों में कौन कौन बीजेपी के लिए काम कर रहा है। जाहिर है कमलनाथ के बयान के बड़े मायने हैं…
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बैठक में संगठन को मजबूत करने के अलावा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भी रणनीति बनी। राहुल गांधी नवंबर महीने में मध्यप्रदेश में दाखिल होंगे..16 दिनों तक प्रदेश में रहने के दौरान राहुल गांधी 18 विधानसभा सीटों को नापेंगे। इस एक्सरसाइज़ के पीछे कांग्रेस की कोशिश है कि किसी भी सूरत में 2023 का दंगल पार्टी ही जीते। हालांकि बीजेपी कांग्रेस नेताओं के इन दावों पर चुटकी ज़रुर ले रही है।
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बीजेपी भले तंज कसे लेकिन कांग्रेस बेताब है सत्ता में वापसी के लिए लेकिन उसकी डगर इतनी आसान भी नहीं है क्योंकि उसका मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी से है जो पूरी ताकत से मैदान में डटी है। दूसरी ओर कांग्रेस बिखरी-बिखरी नजर आ रही है.। अब सवाल है कि चुनाव से पहले कमलनाथ का चाबुक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बीजेपी के खिलाफ एकजुट कर पाएगा?

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