भोपाल। MP Assembly Election 2023 पितृ पक्ष खत्म होते ही कमलनाथ के वादे मुताबिक मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 144 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी हो गई। कांग्रेस ने अपनी तैयारी से ज्यादा तवज्जो सूची जारी करने की टाईमिंग को दी। इसके साथ ये भी बताने की कोशिश कि हमने युवाओं को ज्यादा मौका दिया। 144 में से 65 टिकट 50 से कम उम्र के लोगों को दिए हैं। 96 विधायकों में से 69 को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी की बात करे तो बीजेपी ने अपने केंद्रीय मंत्रियों के साथ साथ कई दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारा है। मगर, कांग्रेस का ये फैसला मजबूरी है या फिर नेताओं और जनता को मैसेज? क्या कांग्रेस की इस रणनीति के बाद बीजेपी भी अपनी स्ट्रैटजी बदलने पर मजबूर हो गई है?
MP Assembly Election 2023 कांग्रेस में टिकट के दावेदारों का इंतजार आज खत्म हुआ। कांग्रेस ने 144 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर ये साफ कर दिया है कि बीजेपी को किसी भी कीमत पर वॉकओवर नहीं मिलेगा। कांग्रेस का दावा है कि युवा, महिला, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग को लिस्ट में बड़े पैमाने पर जगह दी है। फिलहाल कांग्रेस ने 144 में से 65 ऐसे प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है जिनकी उम्र 50 बरस से कम है। वहीं बीजेपी ने अपनी पहले तीन सूचियों में ही 30 प्रतिशत से ज्यादा 50 साल या उससे ज्यादा उम्र वालों को टिकेट दिया था। जहां जहां एक ओर कांग्रेस इस बार युवा और नए चेहरे पर दांव लगा रही। तो वहीं बीजेपी अपने दिग्गज नेताओं के भरोसे चुनावी मैदान में है ।
नवरात्र के शुरु होते ही एमपी की सियासत में कांग्रेस की सूची आने से उबाल आ गया है. और सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। कांग्रेस और बीजेपी के जुबानी जंग के साथ ही जनता को साधने के प्रयास भी तेज हुए हैं। युवा और अनुभवी चेहरों के साथ टिकट की फेहरिस्त पर जमकर सियासत भी हो रही है। लेकिन, सूचियां जारी के साथ ही गेंद जनता के पाले में आ गई है। अब जनता का रुझान किस दल के साथ जाता है ये बड़ा सवाल है।