Digvijay Singh Post/Image Source: IBC24
Digvijay Singh Post: कांग्रेस ने रविवार को अपना 140वां स्थापना दिवस मनाया। AICC मुख्यालय पर मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहे, जिनमें तमिलनाडु से कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर भी शामिल थे। मणिकम टैगोर ने इस दौरान RSS की तुलना आतंकवादी संगठन अल-कायदा से करके बड़ा विवाद खड़ा कर दिया।
दिलचस्प बात यह है कि मणिकम टैगोर RSS की तुलना अल-कायदा से कर रहे हैं, लेकिन ठीक दो दिन पहले, 27 दिसंबर को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने RSS की संगठन क्षमता की जमकर तारीफ की थी। दिग्विजय सिंह का यह X पोस्ट अब कांग्रेस में घमासान का कारण बन चुका है। पार्टी दो धड़ों में बंटी हुई है एक धड़ा दिग्विजय सिंह के समर्थन में है, तो दूसरा विरोध में।
Digvijay Singh Post: एमपी में राज्यसभा चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह ने RSS की तारीफ में फेसबुक पोस्ट के जरिए तारीफों के पुल बांधे। देखते ही देखते वह फिर सुर्खियों में आ गए। भाजपा ने उन्हें पार्टी ज्वाइन करने का ऑफर भी दिया। इसके बाद अब वह अपने ही लोगों के निशाने पर हैं।
कांग्रेस की महासचिव निधि चतुर्वेदी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए दिग्विजय सिंह पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा कि वैचारिक दोगलापन या ‘घर वापसी’ की छटपटाहट? कांग्रेस की जड़ों में मट्ठा डालने वाले दिग्विजय सिंह पर कब होगी कार्रवाई? दिग्विजय सिंह के हालिया बयान ने राहुल गांधी से लेकर उन तमाम ज़मीनी कार्यकर्ताओं के मुँह पर तमाचा मार दिया है, जो आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ सड़क पर लड़ रहे हैं। साथ ही निधि ने कार्रवाई की भी मांग की।
Digvijay Singh Post: दिग्विजय के समर्थन में उनकी पत्नी अमृता राय ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम… वह कत्ल भी करें तो चर्चा नहीं होती। वहीं, दिग्गी खेमे के नेता निधि के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस में दिग्गी राजा की पोस्ट से जहां हलचल मची है, वहीं बीजेपी चुटकी लेते हुए कह रही है कि दिग्गी राजा ने राहुल गांधी को आईना दिखा दिया और कांग्रेसियों को मिर्ची लग गई।
Digvijay Singh Post: कुल मिलाकर कुछ सियासी पंडितों का मानना है कि एमपी में राज्यसभा चुनाव के चंद महीने पहले जिस तरह से दिग्गी राजा ने प्रेशर पॉलिटिक्स के पांसे खेले, उसके चलते जीतू और दिग्गी गुट आमने-सामने आ गए हैं।
ऐसे में सवाल यह उठता है: क्या यह दोबारा राज्यसभा जाने की तैयारी है? क्या दिग्विजय सिंह ने वाकई कांग्रेस को खोखला किया है? लक्ष्मण सिंह की यात्रा और दिग्विजय के बयान—क्या यह सब एमपी में किसी थर्ड मोर्चे की आहट है?