पुणे, 26 नवंबर (भाषा) प्रख्यात वकील और राज्यसभा सदस्य उज्ज्वल निकम ने कहा कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के पीड़ितों को कुछ हद तक न्याय मिला है लेकिन हमलों के साजिशकर्ता अब भी पाकिस्तान में ‘छिपे हुए’ हैं।
निकम ने 26/11 आतंकी हमलों की 17वीं बरसी की पूर्व संध्या पर मंगलवार को ‘पीटीआई वीडियो’ से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान अब भी ‘दिखावा’ कर रहा है कि उसने आठ या नौ लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन उनके मुकदमों की स्थिति अब भी अज्ञात है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का हवाला देते हुए निकम ने कहा कि हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी जैसे लोग जिन्होंने आईएसआई की मदद से 26/11 हमले की ‘पूरी साज़िश रची’ थी, उन्हें भी कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए।
छब्बीस नवंबर 2008 को पाकिस्तान से समुद्री रास्ते से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई के कई हिस्सों में एक साथ हमला किया था जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे।
ये आतंकवादी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन संगठन लश्कर-ए-तैयबा के थे और इन्होंने ताज महल पैलेस होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, सीएसटी रेलवे स्टेशन और नरीमन हाउस सहित कई स्थानों पर एक साथ हमले किए थे।
इस हमले के बाद सिर्फ एक आतंकवादी अजमल कसाब पकड़ा गया था और निकम उस मुकदमे में विशेष लोक अभियोजक थे। कसाब को बाद में मौत की सज़ा सुनाई गई थी।
निकम ने कहा, ‘‘हर भारतीय के मन में यह प्रश्न है कि क्या 26/11 आतंकी हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों को पूरा न्याय मिला है? मैं कहूंगा कि कसाब को कानूनी प्रक्रिया के तहत मौत की सज़ा दिला कर हमने कुछ हद तक न्याय दिलाया है। लेकिन इस हमले की साज़िश रचने वाले अब भी पाकिस्तान में छिपे हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान अब भी दिखावा कर रहा है कि उसने आठ या नौ लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन उनके मुकदमों की स्थिति क्या है यह किसी को नहीं पता।’’
निकम ने कहा कि 26/11 हमले के बाद मुंबई में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी लेकिन दिल्ली में हाल में हुए विस्फोट की घटना बेहद चिंताजनक है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मुझे सोचने पर मजबूर करता है कि हमारी शिक्षा प्रणाली हमें कहां ले जा रही है। पाकिस्तान हमारे भीतर विभाजन और संघर्ष पैदा करना चाहता है। दिल्ली की हालिया घटना से हमें समझना चाहिए कि इस देश के लोगों में एक ही भावना जागृत होनी चाहिए… कि हम सब भारतीय हैं।’’
निकम ने कहा, ‘‘चाहे आप कितने भी शिक्षित हों या आप किसी भी कसौटी पर परखें लेकिन हम सब हैं भारतीय। इस देश की शिक्षा और वातावरण ऐसे हैं कि विभिन्न जातियों और धार्मिक समुदायों के लोग साथ रहते हैं। लेकिन कुछ ताकतें जिनमें पाकिस्तान भी शामिल है उस शांति को बिगाड़ रही हैं। इसलिए हमें इस बारे में गहराई से सोचना चाहिए।’’
दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए एक भीषण विस्फोट में 15 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।
भाषा शोभना वैभव
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