मुंबई, 15 फरवरी (भाषा) कार्यकर्ता गोविंद पनसारे की हत्या छत्रपति शिवाजी महाराज पर लिखी गई उनकी किताब की वजह से हुई। उनके परिवार ने बंबई उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को यह दावा किया।
अधिवक्ता अभय नेवागी के जरिये दाखिल हलफनामा में परिवार ने कहा कि 2000 में कार्यकर्ता ने मराठी में ‘शिवाजी कोन होता?’ नाम से किताब लिखी थी।
नेवागी ने न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी और न्यायमूर्ति एस.सी.चांडक की पीठ के समक्ष कहा,‘‘एक ही कारण है जिसकी वजह से उनकी (पनसारे की) गोली मारकर हत्या की गई और वह यह है कि उन्होंने शिवाजी महाराज पर किताब लिखी जिसमें उल्लेख किया कि शिवाजी महाराज हिंदू राजा थे, लेकिन वह कभी हिंदू राष्ट्र नहीं चाहते थे।’’
पनसारे को 16 फरवरी 2015 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में गोली मार दी गई थी और 20 फरवरी को उनकी मौत हो गई थी।
शुरुआत में इस मामले की जांच राज्य सीआईडी (अपराध अन्वेषण विभाग) की विशेष टीम ने की और 12 लोगों को गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ सुनवाई चल रही है।
हालांकि, कार्यकर्ता के परिवार ने दावा किया कि सीआईडी साजिशकर्ताओं को पकड़ने में असफल रही है जिसके बाद जांच आंतकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को सौंप दी गई।
इसके बाद से एटीएस नियमित अंतराल पर जांच रिपोर्ट अदालत में जमा कर रही है। नेवागी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पनसारे का परिवार जांच एजेंसी से मामले में कुछ अतिरिक्त जानकारी चाहता है।
पीठ ने एटीएस से सूचना को सत्यापित करने को कहा।
एजेंसी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मुंदारगी ने कहा कि वह मामले को देखेंगे और चार सप्ताह में रिपोर्ट सौंपेंगे।
मामले में दो आरोपियों की ओर से पेश अधिवक्ता सुभाष झा ने कहा कि उच्च न्यायालय को जांच की निगरानी अब बंद नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे सुनवाई प्रभावित हो सकती है।
पीठ ने हालांकि, रेखांकित किया कि सुनवाई अदालत इससे प्रभावित नहीं होगी।
भाषा धीरज रंजन
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