एअर इंडिया विमान दुर्घटना: विमान की कमान कैप्टन सभरवाल और सह-पायलट क्लाइव कुंदर के पास थी

एअर इंडिया विमान दुर्घटना: विमान की कमान कैप्टन सभरवाल और सह-पायलट क्लाइव कुंदर के पास थी

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  • Publish Date - July 12, 2025 / 08:06 PM IST,
    Updated On - July 12, 2025 / 08:06 PM IST

मुंबई, 12 जुलाई (भाषा) गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान की दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में विमान के ईंधन स्विच के बंद होने को लेकर उसमें मौजूद दो पायलट के बीच उत्पन्न भ्रम की स्थिति को उजागर किया गया है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की है।

पंद्रह पृष्ठ की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉकपिट की वॉयस रिकॉर्डिंग में एक अज्ञात पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन स्विच क्यों बंद कर दिया है, जबकि दूसरे पायलट ने कहा कि उसने ऐसा नहीं किया है।

यहां दोनों पायलट का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है-

कैप्टन सुमित सभरवाल: एअर इंडिया में 30 साल का अनुभव रखने वाले 56-वर्षीय सभरवाल के पास एआई 171 (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर) की कमान थी। सभरवाल के पास 8,596 घंटे बोइंग 787 उड़ाने समेत कुल 15,638 घंटे उड़ान भरने का अनुभव था। वह एअर इंडिया के प्रशिक्षक भी थे।

सभरवाल ने हवाई अड्डे से अपने परिवार को फोन किया था, उन्हें आश्वासन दिया था कि वह लंदन में उतरने के बाद उनसे फिर से संपर्क करेंगे।

मुंबई में उनके सहकर्मी और सह-पायलट उन्हें एक सज्जन व्यक्ति के रूप में याद करते थे, जो न केवल अपने उड़ान कौशल के लिए, बल्कि अपने जमीनी स्तर के स्वभाव के लिए भी जाने जाते थे।

सह-पायलट क्लाइव कुंदर: 32-वर्षीय कुंदर के पास कुल 3,403 घंटों का उड़ान अनुभव था, जिसमें से 1,128 घंटे उन्होंने ड्रीमलाइनर पर बिताए थे। कुंदर उड़ान संख्या- एआई 171 उड़ा रहे थे, जबकि सभरवाल इसकी निगरानी कर रहे थे।

मुंबई के गोरेगांव निवासी कुंदर ने पायलट बनने के अपने सपने को सफलतापूर्वक पूरा करने से पहले एक साल तक एयरोनॉटिकल इंजीनियर के रूप में काम किया था।

उनके पड़ोसी उन्हें एक नेकदिल और खेलों के शौकीन व्यक्ति के रूप में याद करते हैं, जो इमारत के परिसर में क्रिकेट खेला करते थे।

अहमदाबाद हवाई अड्डे से 12 जून को लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद बोइंग 787 ड्रीमलाइनर एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई थी जबकि जमीन पर मौजूद 19 अन्य को भी जान गंवानी पड़ी थी। यह एक दशक की सबसे घातक विमान दुर्घटना थी।

एएआईबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान ने 08:08:39 यूटीसी (13:38:39 आईएसटी) पर उड़ान भरी और लगभग 08:09:05 यूटीसी (13:39:05 आईएसटी) पर एक पायलट ने ‘मे-डे मे-डे मे-डे’ संदेश दिया। ‘मे-डे’ का अभिप्राय आपातकालीन स्थिति में संकट के संदेश से है।

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की रिपोर्ट में दिए गए घटनाक्रम के अनुसार, दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच (जिनका उपयोग इंजन बंद करने के लिए किया जाता है) उड़ान भरने के लगभग तुरंत बाद कटऑफ स्थिति में चले गए।

हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि यह कैसे हुआ या किसने किया।

भाषा संतोष सुरेश

सुरेश

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