नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) वित्तीय सेवा कंपनी श्रीराम फाइनेंस लि. के निदेशक मंडल ने सोमवार को जापान के एमयूएफजी बैंक लि. के साथ पक्के समझौते को मंजूरी दे दी। इसके तहत एमयूएफजी बैंक, कंपनी में 39,618 करोड़ रुपये (4.4 अरब डॉलर) में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगा।
यह बिक्री तरजीही आधार पर इक्विटी शेयर जारी कर की जाएगी। यह भारत में किसी वित्तीय सेवा कंपनी में अबतक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है।
कंपनी के कार्यकारी वाइस चेयरमैन उमेश रेवांकर ने संवाददाताओं को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘श्रीराम फाइनेंस के निदेशक मंडल ने एमयूएफजी बैंक लि. के साथ पक्के समझौते को मंजूरी दे दी। इसके तहत जापान की मित्शुबिसी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप की इकाई एमयूएफजी बैंक कंपनी में 39,618 करोड़ रुपये निवेश के जरिये 20 प्रतिशत हिस्सेदारी ले रहा है।’’
एमयूएफजी बैंक द्वारा प्रस्तावित यह अल्पांश निवेश शेयरधारकों, नियामकीय मंजूरियों तथा अन्य संबंधित शर्तों के अधीन है।
इस सौदे के बाद प्रवर्तक और प्रवर्तक समूह की हिस्सेदारी 20.3 प्रतिशत, एमयूएफजी बैंक की 20 प्रतिशत तथा अन्य सार्वजनिक शेयरधारकों के पास 59.7 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सहयोग एसएफएल की सशक्त घरेलू फ्रेंचाइज और व्यापक वितरण नेटवर्क को एमयूएफजी बैंक की वैश्विक विशेषज्ञता और वित्तीय शक्ति के साथ जोड़ता है। इस पूंजी निवेश से एसएफएल की पूंजी पर्याप्तता में उल्लेखनीय सुधार होगा। बही-खाता मजबूत होगा और दीर्घकालिक विकास के लिए पूंजी उपलब्ध होगी।’’
साथ ही, तकनीक, नवोन्मेष और ग्राहक जुड़ाव बेहतर होने की उम्मीद है। इससे कम लागत वाली देनदारियों तक पहुंच बेहतर होगी और एसएफएल की क्रेडिट रेटिंग मजबूत होने की संभावना है। इसके साथ कंपनी संचालन और परिचालन प्रक्रियाएं वैश्विक सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप होंगी।
रेवांकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम सालाना 100 से 150 नई शाखाएं खोलेंगे और 3,000 से 5,000 लोगों को नियुक्त करेंगे।’’
श्रीराम समूह की प्रमुख कंपनी में वर्तमान में 78,800 कर्मचारी हैं जबकि शाखाओं की संख्या 3,225 है।
इस मौके पर एमएफयूजी के वैश्विक वाणिज्यिक बैंकिंग व्यवसाय समूह के समूह प्रमुख यासुशी इतागाकी ने कहा, ‘‘यह निवेश भारत के गतिशील वित्तीय सेवा क्षेत्र में एमयूएफजी बैंक के भरोसे को दर्शाता है…।’’
एमयूएफजी बैंक की मूल कंपनी, मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (एमयूएफजी) ने अबतक भारत में 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है और लगभग 5,000 लोगों को रोजगार प्रदान किया है। श्रीराम फाइनेंस में किया गया यह निवेश एमयूएफजी का भारत में अबतक का सबसे बड़ा निवेश होगा।
रेवांकर ने कहा, ‘‘यह लेनदेन हमारी विकास यात्रा में एक निर्णायक क्षण है। एमयूएफजी दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय संस्थाओं में से एक है। एक प्रमुख निवेशक के रूप में एमयूएफजी का प्रवेश भारत के वित्तीय सेवा क्षेत्र और उसमें हमारी नेतृत्वकारी भूमिका पर वैश्विक विश्वास को मजबूत बनाता है।’’
मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी हिरोनोरी कामेजावा ने बयान में कहा, “ एमयूएफजी और श्रीराम फाइनेंस भविष्य के लिए साझा दृष्टि और समान मूल्य रखते हैं। अपनी वैश्विक क्षमताओं का लाभ उठाते हुए एमयूएफजी, श्रीराम फाइनेंस के विकास का समर्थन करने और भारत में आर्थिक विकास, समुदायों और समाज में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
श्रीराम फाइनेंस की बीमा, परिसंपत्ति प्रबंधन, धन प्रबंधन, परिसंपत्ति पुनर्निर्माण, शेयर ब्रोकिंग और वितरण कारोबार में मजबूत उपस्थिति है। यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है। इसकी प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 2,810 अरब रुपये से अधिक हैं।
भाषा रमण अजय
अजय
रमण