ठाणे, नौ अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कई आंबेडकरवादी संगठनों ने उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई पर ‘हमले’ की घटना को “न्यायपालिका का अपमान और संवैधानिक मूल्यों पर प्रहार” करार देते हुए बृहस्पतिवार को इसके खिलाफ प्रदर्शन किया।
उच्चतम न्यायालय के वकील राकेश किशोर (71) ने छह अक्टूबर को अदालत कक्ष में प्रधान न्यायाधीश की ओर जूता उछालने का प्रयास किया था। इस दौरान, किशोर को “सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे” चिल्लाते हुए सुना गया था।
नानासाहेब इंदिसे के नेतृत्व में कई आंबेडकरवादी संगठनों के सदस्यों ने ठाणे में कोर्ट नाका स्थित डॉ. बीआर आंबेडकर की प्रतिमा के पास विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने किशोर के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली तख्तियां थाम रखी थीं।
कार्यकर्ता राजाभाऊ चव्हाण और भास्कर वाघमारे ने ठाणे नगर पुलिस थाने में एक लिखित शिकायत भी दी, जिसमें मांग की गई है कि किशोर पर राजद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज किया जाए और उनके खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराएं भी लगाई जाएं।
इंदिसे ने आरोप लगाया कि किशोर का कृत्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा को प्रतिबिंबित करता है, जिसने “शुरू से ही संविधान का विरोध किया है।”
उन्होंने कहा, “अगर प्रधान न्यायाधीश खुद सुरक्षित नहीं हैं, तो देश का कोई भी नागरिक सुरक्षित नहीं है। यह (घटना) न केवल न्यायपालिका का अपमान है, बल्कि संवैधानिक मूल्यों पर हमला भी है।”
भाषा पारुल शफीक
शफीक