महाराष्ट्रः औरंगजेब के मकबरे को 5 दिनों के लिए किया गया बंद, इस वजह से एएसआई ने लिया फैसला

महाराष्ट्रः औरंगजेब के मकबरे को 5 दिनों के लिए किया गया बंद : Aurangzeb's tomb closed for 5 days after MNS threat

महाराष्ट्रः औरंगजेब के मकबरे को 5 दिनों के लिए किया गया बंद, इस वजह से एएसआई ने लिया फैसला
Modified Date: November 29, 2022 / 08:49 pm IST
Published Date: May 19, 2022 11:59 am IST

औरंगाबाद : Aurangzeb’s tomb closed for 5 days  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने औरंगाबाद में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे को पांच दिन के लिए बंद कर दिया है। स्थानीय मस्जिद समिति के उसे ताला लगाने की कोशिश करने के बाद एएसआई ने यह कदम उठाया। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को कहा था कि औरंगजेब के मकबरे की कोई जरूरत नहीं है और उसे ज़मींदोज़ कर दिया जाना चाहिए, ताकि लोग वहां न जाएं। इसके बाद, औरंगाबाद के खुल्दाबाद इलाके की एक मस्जिद समिति ने मकबरे में ताला लगाने की कोशिश की थी। मकबरा खुल्दाबाद इलाके में ही है। इस पूरे प्रकरण के बाद एएसआई ने मकबरे की सुरक्षा बढ़ा दी थी।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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Aurangzeb’s tomb closed for 5 days  एएसआई के औरंगाबाद क्षेत्र के अधीक्षक मिलन कुमार चौले ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ पहले, मस्जिद समिति ने मकबरे को ताला लगाने की कोशिश की थी, लेकिन हमने उसे खोल दिया था। हालांकि, बुधवार को हमने उसे अगले पांच दिन के लिए बंद करने का फैसला किया।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम स्थिति का आकलन करेंगे और फिर फैसला करेंगे कि उसे खोलना है या अगले और पांच दिन के लिए बंद रखना है।’’

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गौरतलब है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी इस महीने की शुरुआत में औरंगजेब के मकबरे पर गए थे, उनके इस कदम की महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के साथ-साथ राज ठाकरे नीत मनसे ने भी आलोचना की थी। ओवैसी के मकबरे पर जाने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने संदेह व्यक्त किया था कि क्या वह ऐसा करके महाराष्ट्र के शांतिपूर्ण प्रशासन में खलल उत्पन्न करना चाहते हैं।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।