मातोश्री में बड़ी फूट! बालासाहेब के पर्सनल स्टाफ ने भी थामा शिंदे गुट का साथ |

मातोश्री में बड़ी फूट! बालासाहेब के पर्सनल स्टाफ ने भी थामा शिंदे गुट का साथ

उनके साथ बालासाहेब के टेलीफोन ऑपरेटर मोरेश्वर राजे भी शिंदे गुट में आ गए। जब तक बालासाहेब सक्रिय राजनीति में थे, दोनों उनके घर मातोश्री में उनके पर्सनल स्टाफ थे।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : September 27, 2022/2:19 pm IST

Balasaheb’s personal staff joined the Shinde faction: मुंबई। दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के पर्सनल स्टाफ चंपा सिंह थापा सोमवार को बागी एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल हो गए। उनके साथ बालासाहेब के टेलीफोन ऑपरेटर मोरेश्वर राजे भी शिंदे गुट में आ गए। जब तक बालासाहेब सक्रिय राजनीति में थे, दोनों उनके घर मातोश्री में उनके पर्सनल स्टाफ थे।

इन दोनों के शिंदे गुट में शामिल होने पर शिंदे ने कहा कि दोनों ने उनके गुट में शामिल होने का फैसला किया, क्योंकि वही असली शिवसेना का प्रतिनिधित्व करते हैं और बालासाहेब तथा हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बालासाहेब साफ बातें करते थे। लोग उन्हें अच्छी तरह से जानते थे, इसलिए राजे और थापा ने महाविकास अघाड़ी के तहत कांग्रेस और एनसीपी के साथ शिवसेना के गठबंधन को स्वीकार नहीं किया।

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27 साल तक की सेवा

चंपा सिंह थापा मूलतः नेपाल के हैं। 2012 में बालासाहेब के निधन तक लगातार 27 साल तक उनकी सेवा की है। बालासाहेब को खाना-पानी देने, समय पर दवा देने, हमेशा साफ तौलिया तैयार रखने जैसे कई काम थापा ही करते थे। अक्सर लोग बालासाहेब तक अपनी बात पहुंचाने या उनकी खोज खबर लेने के लिए थापा से ही बात करते थे। बालासाहेब की संगत में रहते-रहते थापा को भी राजनीति चस्का लग गया था। बहुत साल पहले जब नेपाल शिवसेना की स्थापना की गई थी, तो थापा उसका मुख्य संरक्षक भी बनाया गया था।

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फोन उठाते थे मोरेश्वर राजे

बालासाहेब के दूसरे पर्सनल स्टाफ मोरेश्वर राजे हैं, जिसे लोग शिवसेना में राजे के नाम से जानते हैं। राजे मातोश्री में बालासाहेब के पर्सनल टेलिफोन ऑपरेटर थे। उस समय मोबाइल का जमाना नहीं था। सभी को बालासाहेब से संपर्क करने के लिए मातोश्री के लैंडलाइन नंबर पर ही फोन करना पड़ता था। तब राजे ही फोन उठाते थे और लोगों के संदेश बालासाहेब को देते थे। बालासाहेब के कहने पर वही उनके लिए इच्छित व्यक्ति को फोन भी लगाते थे। शिवसेना के तमाम नेता मातोश्री पर जाने से पहले या बुलाए जाने के बाद बालासाहेब का मूड पता करने के लिए राजे से ही संपर्क करते थे।