मुंबई, 16 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ठाणे और नवी मुंबई में आगामी नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ने का संकेत दिया है, जिसका उद्देश्य इन नगर निकायों में अपने महापौर बनाना है।
मुंबई के इन दो बड़े नगरों में भाजपा द्वारा अकेले चुनाव लड़ने के इस संकेत के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी इसका जवाब देने के लिए ऐसी ही रणनीति तैयारी करनी शुरू कर दी है। शिवसेना का ठाणे क्षेत्र में खासा प्रभाव है।
ठाणे महानगरपालिका (टीएमसी) का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त हुआ था, जबकि नवी मुंबई महानगरपालिका का कार्यकाल मई 2020 में खत्म हुआ।
ठाणे के अंतिम महापौर शिवसेना के नरेश म्हस्के थे, जबकि नवी मुंबई के महापौर जयंत सुतार थे, जो प्रारंभ में राकांपा में थे लेकिन अपने कार्यकाल के दौरान भाजपा में शामिल हो गए थे।
म्हस्के वर्तमान में ठाणे लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना सांसद हैं।
ठाणे विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा विधायक संजय केलकर ने हाल ही में स्पष्ट किया कि पार्टी आगामी महानगरपालिका चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम अकेले चुनाव लड़ते हैं, तो हमारे पास अपना महापौर बनाने का मौका होगा। ठाणे के लोग भाजपा का समर्थन करेंगे और हम चाहते हैं कि शहर में भाजपा का महापौर बने।’’
उन्होंने बताया कि भाजपा ने ठाणे महानगरपालिका चुनाव में 70 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
शिवसेना के नरेश म्हस्के ने भी यह स्वीकार किया कि पार्टी के भीतर अकेले चुनाव लड़ने की भावना बढ़ रही है।
उन्होंने बुधवार रात को स्थानीय पार्षदों और पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘जब हमारे सहयोगी दल खुद अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं, तो हमारे कार्यकर्ताओं ने पूछा कि फिर शिवसेना गठबंधन पर क्यों अड़ी रहे? अगर साथी दल स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना चाहता है, तो हमें भी गठबंधन पर ज़ोर क्यों देना चाहिए?’’
यह मतभेद तब सामने आया जब ठाणे में शिवसेना पदाधिकारियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर शिवसेना के नेतृत्व वाले विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगाया।
म्हस्के ने कार्यकर्ताओं से अनुशासन बनाए रखने की अपील की, लेकिन उनकी चिंताओं को स्वीकार भी किया।
इस बीच, भाजपा ने ठाणे में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी तेज कर दी है।
नवी मुंबई में भी भाजपा नेताओं ने अपना महापौर बनाने की इच्छा जताई है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की अध्यक्षता में हुई रणनीतिक बैठक में महापौर पद सुनिश्चित करने की ठोस योजना बनाने पर जोर दिया गया।
पार्टी की स्थानीय इकाइयों से कहा गया है कि वे परामर्श कर बताएं कि वे संयुक्त रूप से या स्वतंत्र चुनाव लड़ना चाहते हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि फडणवीस ने भाजपा और शिवसेना दोनों के पदाधिकारियों से कहा है कि वे स्थानीय स्तर पर अपनी ताकत का आकलन करें, उसके बाद ही गठबंधन पर फैसला लें।
हालांकि, भाजपा नेता गणेश नाइक और शिंदे गुट के बीच बढ़ते तनाव और दोनों पक्षों के बार-बार दिए गए बयानों से यह संकेत मिलता है कि ठाणे और नवी मुंबई में महायुति गठबंधन के बीच सीधी टक्कर हो सकती है।
स्थानीय निकाय चुनाव अगले दो महीने में या नए साल की शुरुआत में होने की संभावना है।
भाषा गोला नरेश
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