मुंबई उच्च न्यायालय ने पुणे के स्कूल को अनधिकृत निर्माण के मामले में राहत देने से इनकार किया

मुंबई उच्च न्यायालय ने पुणे के स्कूल को अनधिकृत निर्माण के मामले में राहत देने से इनकार किया

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  • Publish Date - May 13, 2025 / 03:42 PM IST,
    Updated On - May 13, 2025 / 03:42 PM IST

मुंबई, 13 मई (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय ने पुणे के एक स्कूल को अनधिकृत निर्माण के मामले में राहत देने से इनकार करते हुए कहा है कि गैर-कानूनी निर्माण स्वाभाविक रूप से लाइलाज है।

स्कूल ने अनधिकृत ढांचे को ध्वस्त करने के आदेश को अदालत में चुनौती दी थी।

न्यायमूर्ति ए. एस. गडकरी और न्यायमूर्ति कमल खता की पीठ ने नौ मई के आदेश में कहा कि सिर्फ इसलिए कि शैक्षणिक संस्थान में लगभग 2,000 छात्र पढ़ते हैं, अदालत अधिकारियों को अवैध संरचना को नियमित करने का निर्देश देने पर विचार नहीं कर सकती।

पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र में यह आम धारणा है कि कोई व्यक्ति अवैध रूप से और बिना अनुमति के निर्माण कर ले और बाद में नियमितीकरण की मांग करे, लेकिन ‘अवैधता का कोई इलाज नहीं है।”

धर्मार्थ शैक्षणिक संस्थान ‘आर्यन वर्ल्ड स्कूल’ ने परिसर में अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने के पुणे महानगर विकास प्राधिकरण के 17 अप्रैल के आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वह भीलारेवाड़ी में पहली से 10वीं कक्षा तक के लिए एक प्रतिष्ठित स्कूल चलाता है और उसमें लगभग 2,000 छात्र हैं।

याचिका में कहा गया कि स्कूल प्रबंधन को अपना पक्ष रखने का मौका दिए बिना ही अनधिकृत निर्माण ध्वस्त करने का आदेश पारित कर दिया गया।

भाषा नोमान सुरेश

सुरेश